इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिएस्टर कुक के लिए कुछ समय पहले कहा जाता था कि वो एक दिन टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के सबसे अधिक रन के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे. इन बातों को कहने में क्रिकेट के कई बड़े दिग्गज शामिल थे लेकिन एक साल में सब कुछ बदल गया है.


2017 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में जब उनके बल्ले से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 244 रनों की नाबाद पारी निकली थी तो लग रहा था कि कुक एक दिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे आगे होंगे लेकिन साल 2018 के आते ही उनका बल्ला उनसे रूठ गया. इस साल कुक ने 9 टेस्ट(भारत के खिलाउ साउथैंप्टन टेस्ट तक) खेले लेकिन एक भी शतक नहीं लगा पाए. इस साल उनके बल्ले से 16 पारी में 18.62 की औसत से सिर्फ 298 रन आए हैं जिसमें सिर्फ एक अर्द्धशतकीय(70 रनों की) पारी है.


इस खराब प्रदर्शन के कारण उनका औसत पिछले 8 साल में पहली बार 45 से नीचे आ गया है. भारत के खिलाफ 2006 में शतकीय पारी के साथ करियर की शुरुआत करने वाले कुक का औसत 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 235 रनों की नाबाद पारी खेलने के बाद 45 से नीचे कभी नहीं गया था.


लगातार सबसे अधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड बनाने वाले कुक ने अब तक 160 टेस्ट खेले हैं जिनमें उनके बल्ले से 12254 रन आए हैं. टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की ओर से सबसे अधिक रन और सबसे अधिक शतक लगाने वाले कुक अब उस दौराहे पर खड़े हैं जहां दिग्गज उनके खेल पर सवाल उठाने लगे हैं.


भारत के खिलाफ सीरीज की बात करें तो कुक के बल्ले से चार टेस्ट की 8 पारी में 13,0,21,29,17,17 और 12 रन आए. उनका औसत 18.5 का रहा है. कुक की बल्लेबाजी को नया आयाम देने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ग्राहम गूच भी उनके प्रदर्शन से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि मैंने उनके खेल में किसी तरह का सुधार नहीं देखा है.