पांड्या से तुलना पर बोले ऑलराउंडर विजय शंकर- 'खुद को तकलीफ देने के बजाए अपने गेम पर है फोकस'
विजय शंकर ने 2019 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था और फिर वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा भी थे. हालांकि वर्ल्ड कप में चोट के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा और फिर उसके बाद अभी तक उन्हें मौका नहीं मिला है.
वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम का हिस्सा रहे और चौथे नंबर के बल्लेबाज के तौर पर टीम की पसंद रहे ऑलराउंडर विजय शंकर फिलहाल कई महीनों से टीम से बाहर चल रहे हैं. वहीं हार्दिक पांड्या की वापसी के बाद टीम इंडिया में उनके लिए जगह बनाने की राह और भी मुश्किल हो गई है. इसके बावजूद शंकर का मानना है कि वो इस बारे में सोचकर खुद को तकलीफ नहीं देना चाहते और सिर्फ अपने गेम पर फोकस करना चाहते हैं.
शंकर ने 2019 में ही अपना डेब्यू किया था और फिर वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा बने थे. हालांकि वर्ल्ड कप में भी उनका सफर बीच में ही खत्म हो गया क्योंकि चोट के कारण उन्हें टूर्नामेंट छोड़ना पड़ा. उन्होंने आखिरी वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. इसके बाद से ही वो टीम में वापसी करने में नाकाम रहे हैं.
सिर्फ अपने गेम पर फोकस करना है लक्ष्य
इस दौरान हार्दिक पांड्या भी चोट के कारण टीम से बाहर रहे, लेकिन विजय के बजाए शिवम दुबे को मौका दिया गया. हार्दिक के टीम इंडिया की पहली पसंद होने के मुद्दे पर न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में तमिलनाडु के इस ऑलराउंडर ने कहा, "अगर ये सब मुझपर असर डालने लगेगा तो मैं वो मौके भी गंवा दूंगा जो मेरे पास हैं. अगर मैं सिर्फ उन्हीं गेम पर फोकस करूं जो मेरे हाथ में हैं और मैच जिताने वाला प्रदर्शन करूं, तो मेरा नाम सर्किट में रहेगा."
विजय ने साथ ही कहा कि अगर वो अच्छा प्रदर्शन करने में सफल होते हैं तो लोग उनके बारे में बात करेंगे और अगर कहीं संभावना बनती है तो उन्हें टीम इंडिया में मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि वो बाकी खिलाडियों के बारे में नहीं सोच सकते.
शंकर ने साथ ही कहा कि वो सिर्फ टीम तक पहुंचना नहीं चाहते बल्कि लंबे समय तक प्रदर्शन करना चाहते हैं. शंकर ने कहा, "अगर मैं प्रदर्शन करूंगा तो ही मैं अपने करियर को लंबा खींच पाउंगा. हमारे लिए जरूरी है कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाएं तो अपना सर्वश्रेष्ठ करें."
'वर्ल्ड कप में गंवाए अच्छे मौके' वर्ल्ड कप में शंकर को सिर्फ 3 बार बैटिंग का मौका मिला और तीनों बार वो नाकाम रहे. उन्होंने माना कि वर्ल्ड कप में वो मौका चूक गए. शंकर ने कहा, "मैं दो मौकों पर चूक गया, जिसमें से एक अफगानिस्तान के खिलाफ था. वेस्टइंडीज के खिलाफ मैं अच्छी गेंद पर आउट हुआ. उससे पहले न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में मैंने लगातार 40 से ज्यादा के स्कोर बनाए थे."
विजय ने कहा कि अगर किसी भी एक पारी को बड़े स्कोर में बदलने में कामयाब होते तो आज स्थिति अलग होती. शंकर ने अब तक टीम इंडिया के लिए 12 वनडे खेले हैं, जिसमें उनके नाम 223 रन और 4 विकेट हैं. वहीं 9 टी20 मैचों में सिर्फ 101 रन बना सके, जबकि 5 विकेट हासिल किए.
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