IND vs ENG: इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के लिए दक्षिण अफ्रीका से आई सलाह, एलन डोनाल्ड ने बताया कैसे करें भारतीय पिचों पर गेंदबाजी
IND vs ENG Test Series: दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड ने भारत दौरे के लिए इंग्लैंड के फास्टर्स के लिए एक अहम सलाह दी है.
England Tour Of India: इंग्लैंड की टीम जल्द ही भारत दौरे के लिए आने वाली है. 25 जनवरी से दोनों टीमों के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होगी. टीम इंडिया अपने घरेलू मैदानों पर पिछले 10 साल से कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारी है. ऐसे में इंग्लैंड के लिए यह दौरा आसान नहीं रहने वाला है. खासकर इंग्लिश तेज गेंदबाजों के लिए यहां सबसे ज्यादा मुश्किलें खड़ी होने वाली है. दरअसल, भारतीय पिचें थोड़ी धीमी होती हैं और यहां विदेशी तेज गेंदबाज कम ही मौकों पर सफल होते देखे गए हैं.
भारतीय विकटों पर स्पिनर्स अहम भूमिका में होते हैं. लेकिन वर्तमान में इंग्लैंड के पास ऐसा कोई स्पिनर नहीं है जो भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करें. यानी इंग्लैंड का पूरा गेंदबाजी आक्रमण फास्टर्स के जिम्मे ही रहने वाला है. ऐसे में इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों की मदद के लिए दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज एलन डोनाल्ड आगे आए हैं. उन्होंने बताया है कि भारतीय पिचों पर किस तरह की गेंदेबाजी करने से सफलता मिल सकती है.
एलन डोनाल्ड 1999-2000 में भारतीय मैदानों पर टेस्ट सीरीज जीतने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम के सदस्य थे. इस सीरीज में उन्होंने राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के अहम विकेट निकालकर प्रोटियाज टीम की टेस्ट सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
'गेंद स्टम्प्स पर रखें और लेंथ फुल हो'
दक्षिण अफ्रीका की टी20 लीग के इतर PTI से बातचीत करते हुए एलन डोनाल्ड ने कहा, 'जब हैंसी क्रोन्ये हमारे कप्तान थे तो हमारा माइंडसेट हमेशा आक्रामक रहता था. हमारे तत्कालीन कोच बॉब वुल्मर को भी भारतीय परिस्थितियों का अच्छा अनुभव था. वह भारतीय खिलाड़ियों की मानसिकता और माइंडसेट से भी अच्छे से वाकिफ थे. सबसे पहली चीज़ जिस पर हम हमेशा बात करते थे, वह नई गेंद के साथ शुरुआती 25-30 ओवर्स के बारे में होती थी. वहां हम हमेशा गेंद को थोड़ी फुल लेंथ पर ही रखते थे. हमारी गेंदें स्टम्प्स पर होती थी और फील्डिंग भी उसी के हिसाब से तय होती थी.'
'नकारात्मक फील्ड सेट करने की जरूरत नहीं'
एलन डोनाल्ड कहते हैं, 'हम जानते थे कि वहां की पिच पर गेंद को ज्यादा मुवमेंट नहीं मिलेगा तो हर गेंद स्टम्प पर रखना ही जरूरी होता था. अगर ऐसे में थोड़ी भी स्विंग मिलती है तो काम बन सकता है. यही एक चीज़ है जो वहां की जा सकती है. इसके बाद जब गेंद पुरानी हो जाए तो आपको नेगेटिव फील्ड सेट करने की जरूरत नहीं. आप कवर पर अतिरिक्त फील्डर खड़ा कर सकते हैं.'
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