बायो बबल से प्रभावित हो रहा है आंद्रे रसेल का मानसिक स्वास्थ्य, परेशानियों को किया बयां
बायो बबल में रहते हुए खिलाड़ियों पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं जिनमें बाहर नहीं जा पाना और दूसरों से नहीं मिलना शामिल होता है. इन्हीं प्रतिबंधों के कारण अब खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.
कोरोना वायरस की वजह से पिछले एक साल से क्रिकेटर्स को बायो बबल में ही खेलना पड़ रहा है. बायो बबल में रहने की वजह से अब क्रिकेटर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. टी20 क्रिकेट में दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक आंद्रे रसेल ने बायो बबल में रहने का दर्द बयां किया है. रसेल ने कहा कि लगातार बायो बबल में रहने से उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.
रसेल पाकिस्तान सुपर लीग सीजन 6 के बाकी बचे हिस्से में खेलने के लिए अभी यूएई में हैं. बायो बबल के सुरक्षित माहौल में कोविड-19 संक्रमण के मामले आने के बाद मार्च में पीएसएल को निलंबित कर दिया गया था. रसेल ने कहा, ''मुझे लगता है कि बायो बबल का मुझ पर असर पड़ रहा है.''
इंडियन प्रीमियर लीग में रसेल कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलते हैं. रसेल ने हालांकि कहा है कि वह किसी और क्रिकेटर पर पड़ने वाले असर के बारे में बात नहीं कर सकते. रसेल ने कहा, ''मैं किसी और खिलाड़ी या कोच या क्वारंटीन से गुजरने वाले किसी अन्य के बारे में नहीं कह सकता.''
पूरी तरह से बदल जाती है खिलाड़ी की जिंदगी
रसेल ने बताया कि बालो बबल में खिलाड़ी की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. उन्होंने कहा, ''लेकिन निश्चित तौर पर इसका मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पडा है, एक जैविक रूप से सुरक्षित माहौल से दूसरे में जाना, कमरे में बंद रहना, आप बाहर नहीं जा सकते, आप किसी अन्य जगह नहीं जा सकते, आप लोगों से नहीं मिल सकते, यह पूरी तरह से अलग है.''
रसेल पीएसएल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स की ओर से खेलते हैं. पाकिस्तान सुपर लीग के छठे सीजन के दूसरे हिस्से का आयोजन यूएई में होने जा रहा है. इस सीजन में अभी 20 मैच खेले जाने बाकी हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पीएसएल के दोबारा शुरू होने की तारीखों का एलान भी कर दिया है. पीएसएल की शुरुआत 9 जून को होगी और इस सीजन का फाइनल मुकाबला 24 जून को खेला जाएगा.
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