Arshdeep Singh: टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी रो नहीं पाए अर्शदीप सिंह, कहा- "नहीं बची कोई इमोशन..."
Arshdeep Singh: टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतकर भारत लौटी टीम इंडिया का हर खिलाड़ी इमोशंस से भरा हुआ है. ऐसे में अर्शदीप सिंह ने भी फाइनल मैच के दौरान की अपनी भावनाएं साझा की हैं.
Arshdeep Singh Interview after Victory Parade: टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी जीतने के बाद हर भारतीय खिलाड़ी अपनी इमोशंस सामने ला रहा है. कुछ खिलाड़ी मीडिया इंटरव्यू के जरिए तो कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी भावनाएं शेयर कर रहे हैं. टीम इंडिया के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने भी कुछ ऐसा ही किया है. उन्होंने फाइनल मैच के दौरान की अपनी इमोशंस शेयर की हैं. जिसमें अर्शदीप ने बताया कि अब उनके अंदर कोई इमोशंस नहीं बची हैं. यहां तक कि अर्शदीप ने यह भी बताया कि फाइनल जीतने के बाद भी उनकी आंखों से आंसू नहीं निकले.
सूर्यकुमार द्वारा कैच लपकने के बाद जोरों से धड़क रहा था अर्शदीप का दिल
अर्शदीप सिंह का फाइन मैच के आखिरी ओवर के हर एक गेंद पर इमोशन बदल रहा था. सूर्यकुमार यादव द्वारा लॉन्ग ऑन में डेविड मिलर का कैच लपकने के बाद अर्शदीप सिंह का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था. यह कैच लगभग भारत की जीत को पक्का कर चुका था. लेकिन मैच खत्म होने के बाद अर्शदीप ने रोने की कोशिश की, लेकिन वह रो नहीं पाए.
अर्शदीप सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "मैं बहुत खुश था. आईपीएल में, मैंने पंजाब किंग्स के लिए इतने ज़्यादा दबाव वाले मैच खेले हैं कि अब मेरे पास कोई भावना ही नहीं बची है. मैं कोशिश कर रहा था लेकिन यार आंसू नहीं निकले."
उन्होंने आगे कहा, "मैंने खेल के दिग्गजों को देखा, रोहित भाई, विराट भाई, जिन्होंने इतना कुछ हासिल किया है, वे बस अपने जज्बात को काबू नहीं कर सके. मैं उनके लिए खुश था. लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं एक आंसू भी क्यों नहीं बहा सका."
जब सूर्य कुमार ने लिया कैच, अर्शदीप ने बताया आंखों देखा हाल
दक्षिण अफ्रीका को आखिरी दो ओवरों में 20 रन चाहिए थे, तभी अर्शदीप 19वां ओवर करने आए. वह थोड़े नर्वस जरूर थे, लेकिन उनकी गेंदबाजी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने सिर्फ चार रन ही दिए. गेंदबाजी खत्म करने के बाद अर्शदीप ने डीप से हार्दिक पांड्या को अंतिम ओवर में 16 रन बचाते हुए देखा. उनका कहना है कि सूर्यकुमार यादव के शानदार कैच का उनका नजारा बिल्कुल सही था.
अर्शदीप ने कहा, "मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैं स्वीपर कवर पर खड़ा था. मुझे कैच का एकदम सही साइड एंगल व्यू मिला. जब मिलर ने बल्ला लगाया, तो मुझे लगा कि गेंद बहुत दूर जाएगी, लेकिन फिल्म की तरह यह नीचे गिरने लगी. जिस तरह से सूर्या भाई ने कैच का अंदाजा लगाया, जैसा कि उन्होंने पोस्ट-मैच इंटरव्यू में कहा कि वह सिर्फ छक्का बचाना चाहते थे, लेकिन फिर उन्हें एहसास हुआ कि उनके पास कैच लेने का मौका है. उन्होंने रिस्क लिया, यह उनके लिए बहुत बहादुरी वाला फैसला था."
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