नेहरा ने खोला बड़ा राज़, बताया धोनी-गांगुली की कप्तानी में क्या थी वो कॉमन बात
एम एस धोनी और सौरव गांगुली इन दोनों खिलाड़ियों के कप्तानी करने का तरीके एकदम अलग रहा. जहां एक तरफ गांगुली ने अपनी अग्रेसिव कप्तान से टीम इंडिया को विदेशों में जीतना सिखाया.
एम एस धोनी और सौरव गांगुली इन दोनों दिग्गज़ों को इनके खले के लिए तो जाना ही जाता है. इसके साथ ही साथ इन दोनों का नाम भारत के दो सबसे सफल कप्तानों में भी आता है. इन दोनों खिलाड़ियों के कप्तानी करने का तरीके एकदम अलग रहा. जहां एक तरफ गांगुली ने अपनी अग्रेसिव कप्तान से टीम इंडिया को विदेशों में जीतना सिखाया. तो वहीं धोनी ने अपनी कूल-कूल कप्तानी से भारतीय टीम को नई बुलंदियों तक पहुंचाया.
भले ही इन दोनों कप्तानों के कप्तानी करने का तरीका एकदम अलग हो, लेकिन एक चीज़ थी, जो इन दोनों कप्तानों में कॉमन थी. इस बात का खुलासा एक ऐसे खिलाड़ी ने किया है, जो इन दोनों की कप्तानी में खेला था. आशीष नेहरा, जी हां नेहरा जी का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली की नेतृत्व शैली एकदम अलग थी, लेकिन दोनों में एक बात कॉमन थी. दोनों ही खिलाड़ियों से उनका बेस्ट निकलवाना जानते थे.
2000 के दशक में जब आशीष नेहरा टीम में आए तो सौरव कप्तान थे. हालांकि उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उनमें कंसीटेंसी की कमी थी. इसके बाद नेहरा ने धोनी के नेतृत्व में और इसके बाद 2017 में विराट कोहली की कप्तानी में खेले.
नेहरा IPL में भी धोनी की कप्तानी में खेले थे. उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए धोनी कप्तानी में बढ़िया प्रदर्शन किया था. हाल ही में नेहरा ने धोनी और गांगुली और इन दोनों की कप्तानी के स्टाइल को लेकर बात की. नेहरा ने कहा जब सौरव ने कप्तानी संभाली तो उनके सामने अलग चुनौतियां थी, वहीं जब धोनी ने कप्तानी संभाली तो उनके सामने एक अलग तरह की स्थिति थी.
आशीष नेहरा ने कहा, 'धोनी और गांगुली एकदम अलग कप्तान थे, लेकिन दोनों ही जानते थे कि खिलाड़ियों से कैसे बेहतर प्रदर्शन करवाना है. जब गांगुली ने कप्तानी संभाली तो टीम नई थी, लेकिन जब धोनी ने कप्तानी संभाली तो उन्हें सीनियर खिलाड़ियों को भी मैनेज करना था.'
नेहरा ने बताया, 'जब गांगुली ने कप्तानी संभाली तो भारतीय टीम मैच फिक्सिंग विवादों में घिरी थी. गांगुली के पास युवा खिलाड़ी थे, जिन्हें आगे ले जाना और बेहतर बनाना था. गांगुली ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया. 2001 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया तो यह साबित हुआ कि गांगुली सारी विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर और करवा सकते हैं.'
आशीष नेहरा ने कहा, 'धोनी एक केलकुलेटिव कप्तान हैं. वह दूसरे खिलाड़ियों को अधिक मौके देते हैं. उनकी इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए, जिस तरह उन्होंने सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण को हैंडिल किया. कप्तानी संभालने के बाद वह खुद को और टीम को बहुत आगे ले गए.'
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