बीती रात भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए एशिया कप 2018 के फाइनल में बांग्लादेश को 3 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया. एशिया कप के इतिहास में ये भारत की 7वीं खिताबी जीत है.


लेकिन आपको बताते हैं कि किस तरह से आखिरी के तीन ओवरों में टीम इंडिया ने दबाव की स्थिती से उभरते हुए विरोधी टीम को धूल चटा दी.


लेकिन देर रात जब भारतीय टीम हार की कगार की तरफ बढ़ती दिख रही थी तो किस तरह भारत के इन बल्लेबाज़ों ने बदल दिया मैच का रूख. क्योकि एक वक्त पर 83 के कुल योग पर कप्तान रोहित के आउट होने के बाद भारत की उम्मीदें दिनेश कार्तिक(37) और विश्व बेस्ट फीनिशर माने जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी(36) से थी लेकिन 160 तक पहुंचते-पहुंचते दोनों पवेलियन लौट गए. भारत के लिए संकट और भी बढ़ गया जब केदार जाधव(23 नाबाद) रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन वापस लौट गए.


बांग्लादेश के गेंदबाजों ने यहां से एक बार फिर वापसी करने की कोशिश की लेकिन रविन्द्र जडेजा(23) और भुवनेश्वर कुमार ने सातवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर भारत की मैच में वापसी कराई. 


18वां ओवर, जीत के लिए 13 रन:


आखिरी की 18 गेंदों में भारत को जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी जबकि जडेजा और भुवनेश्वर क्रीज़ पर मौजूद थे. लेकिन मशरफे मुर्तज़ा ने ओवर रूबेल हुसैन को सौंपा और उन्होंने 18वें ओवर में वो कर दिया जो भारतीय फैंस नहीं चाहते थे.


रूबेल ने जडेजा को आउट कर भारत की मुश्किलें बढ़ा दी लेकिन तभी मैदान पर आए रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौटे केदार जाधव. इस ओवर से भारत ने 4 रन बटोरे.


19वां ओवर, जीत के लिए 9 रन:
19वें ओवर में टीम इंडिया की मुश्किलें और बढ़ गई थी क्योंकि एक और सेट बल्लेबाज़ भुवनेश्वर कुमार भी मुस्तफिज़ुर की पहली ही गेंद पर आउट होकर लौट गए. अब भारत को 11 गेंदों में 9 रनों की दरकार थी. जबकि एक चोटिल बल्लेबाज़ और एक नया बल्लेबाज़ कुलदीप यादव क्रीज़ पर थे.


मुस्तफिज़ुर ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की और इस ओवर में महज़ 3 रन देकर भारतीय फैंस और टीम की धड़कने बढ़ा दी.


20वां ओवर, जीत के लिए 6 रन:
भारत को आखिरी ओवर में 6 रनों की जरूरत थी और कप्तान मशरफे मोर्तज़ा ने गेंद महमूदुल्लाह को सौंपी. कुलदीप ने पहली गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक केदार को दे दी. दूसरी गेंद पर केदार ने सिंगल लेकर एक बार फिर मुकाबाल बराबरी पर लाया. तीसरी गेंद पर कुलदीप ने बड़ा शॉट खेल जिसपर दो रन आए, टीम जीत के करीब पहुंच गई थी लेकिन चौथी गेंद पर कोई रन नहीं आया.


पांचवीं गेंद पर कुलदीप और केदार जाधव ने किसी तरह स्ट्राइक बदली. आखिरी गेंद पर भारत को जीत के लिए 1 रन की जरूरत थी और अंतिम गेंद को ग्लांस करते हुए जाधव ने टीम को एक बार फिर से एशिया का चैंपियन बना दिया. 


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