इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की लंबी टेस्ट सीरीज के बाद भारतीय टीम अब एशिया कप के लिए तैयार है. शनिवार से छह टीमों के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा. डिफेंडिंग चैंपियन भारत एक बार फिर खिताब जीतने मैदान पर उतरेगी जहां उसका पहला मुकाबला 18 सितंबर को हांगकांग से होगा. लेकिन हर किसी को इंतजार है 19 सितंबर का जब रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारतीय टीम एक साल से भी अधिक समय के बाद पाकिस्तान से भिड़ेगी.


भारतीय बल्लेबाजों की सबसे बड़ी समस्या रही है बाएं हाथ के तेज गेंदबाज. फिर चाहे वो रोहित शर्मा हों या दूसरे बल्लेबाज, एंगल के साथ विकेट से बाहर निकलती गेंद भारतीय बल्लेबाजों का काफी परेशान करती है और विकेट भी ले उड़ती है. एशिया कप में भारत को कई बाएं हाथ के गेंदबाजों का सामना करना पड़ेगा जिनमें मोहम्मद आमिर और मुस्तफिजुर रहमान प्रमुख हैं. ऐसे में इन गेंदबाजों को देखने के बाद भारतीय टीम ने बीसीसीआई से किसी विशेषज्ञ की मांग की थी.


यूएई पहुंचने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उनकी मांग मान ली और टीम में श्रीलंका को नुवान सेनिविरत्‍ने को कोचिंग स्टाफ में शामिल कर लिया. टीम इंडिया के पास थ्रो डाउन के लिए पहले से रघू मौजूद हैं लेकिन खिलाड़ियों ने बाएं हाथ के थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट की मांग की थी.


38 साल के सेनिविरत्‍ने ने भले ही सिर्फ दो फर्स्ट क्लास मैच खेले हों लेकिन पिछले एक दशक से वो श्रीलंकाई क्रिकेट से जुड़े हैं. कुछ समय के लिए वो श्रीलंका क्रिकेट टीम में बतौर फील्डिंग कोच भी जुड़े थे. अब देखना होगा कि नए स्पेशलिस्ट के टीम से जुड़ने के बाद भारतीय बल्लेबाज आमिर और जुनैद जैसे गेंदबाजों के सामने किस तरह की बल्लेबाजी करते हैं.