Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: 16 अगस्त, 2018 का दिन जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वर्गवास हुआ था. आज उनकी छठी पुण्यथिति पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. वाजपेयी ना केवल एक राजनेता थे बल्कि एक कवि, पत्रकार और साथ-साथ क्रिकेट के भी बड़े प्रशंसक रहे. भारत-पाकिस्तान के संबंध लंबे अरसे से अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन वो अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिन्होंने क्रिकेट का इस्तेमाल करके दोनों देशों को करीब लाने का प्रयास किया था.


साल 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सार्क देशों की मीटिंग बुलाकर अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने का प्रयास किया था. इस बीच भारत सरकार ने टीम इंडिया को पाकिस्तान दौरे पर जाने के लिए कहा और उन दिनों कप्तान सौरव गांगुली हुआ करते थे. उस समय दोनों देशों के बीच पांच वनडे और तीन टेस्ट मैच खेले जाने थे. भारतीय टीम 19 साल बाद पाकिस्तान जा रही थी और टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे बेहतरीन खिलाड़ी शामिल थे.


खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए...


उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर रहे रत्नाकर शेट्टी बताते हैं कि प्रधानमंत्री वाजपेयी व्यक्तिगत तौर पर टीम से मिले और उन्होंने टीम के साथ एक घंटा बिताया था. पूरी टीम ने पीएम को साइन किया हुआ बैट भेंट के रूप में दिया था. मगर अटल बिहारी वाजपेयी भी टीम इंडिया के लिए एक तोहफा पहले से लेकर बैठे थे. उन्होंने भी भारतीय टीम को एक बैट गिफ्ट किया, जिस पर लिखा था, 'खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए शुभकामनाएं.'


याद दिला दें कि वनडे सीरीज बेहद रोमांचक रही थी, जिसमें भारत 3-2 से विजयी रहा था. पूर्व टीम मैनेजर रत्नाकर शेट्टी बताते हैं कि दौरे से पहले वो सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन करने के लिए पाकिस्तान गए थे. पाकिस्तानी लोग वाजपेयी से इतने प्रभावित थे कि लोग उनका पोस्टर लेकर वाजपेयी के नारे लगा रहे थे.


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