टी-20 के बाद अब वनडे सीरीज में हार से बचना है तो विराट कोहली को यही दो काम करने होंगे. 4 मैचों के बाद सीरीज में दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर हैं. आखिरी मैच 13 तारीख को दिल्ली में खेला जाना है. जाहिर है सीरीज का फैसला अब अगले मैच से होना है.


अव्वल तो विराट कोहली को चौथे वनडे में ऑस्ट्रेलिया की जीत के लिए पहले उनकी तारीफ करनी होगी. 12 रन पर 2 विकेट गंवाने के बाद साढ़े तीन सौ रनों का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होता. जो काम कंगारुओं ने आसानी से किया. उन्होंने मैच में जब 13 गेंद बाकि थीं तभी मुकाबला अपने नाम कर लिया था. इस तारीफ के बाद विराट कोहली को अपनी कमियों को तलाशना होगा. उन्हें इस बात को समझना होगा कि आखिर रांची और मोहाली में क्या कमियां रह गईं जो ऑस्ट्रेलिया की टीम ने सीरीज में शानदार वापसी की. आपको याद दिला दें कि वनडे सीरीज से पहले टी-20 सीरीज में भी ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था.


स्पिनर्स से करनी होगी बात


ये बिल्कुल सच है कि स्पिनर्स हर मैच में कामयाब और किफायती गेंदबाजी नहीं कर सकते. स्पिनर्स क्या कोई भी गेंदबाज नहीं कर सकता है. लेकिन पिछले दो मैचों में सभी के सभी स्पिनर महंगे साबित हुए हैं. रविवार को खेले गए चौथे वनडे मैच में स्पिनर्स ने 25 ओवर में 188 रन दिए. यानि लगभग 8 की इकॉनमी से. कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 64, चहल ने 10 में 80 और केदार जाधव ने 5 ओवर में 44 रन दिए.


इससे पहले रांची में स्पिनर्स ने 160 रन दिए थे. रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव ने 10-10 ओवर में 64-64 रन दिए थे. केदार जाधव ने 2 ओवर में 32 रन लुटा दिए थे. इसके दो मायने हैं. पहला कि कंगारुओं ने भारतीय स्पिनर्स को शानदार तरीके से खेला है. वो भारतीय स्पिनर्स की गेंदबाजी को मैच में उतरने से पहले काफी बारीकी से पढ़ कर आ रहे हैं. दूसरी ये कि भारतीय स्पिनर्स उस तरह की गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं जो अब सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर एडम जैंपा ने की है. जैंपा सीरीज में अब तक 8 विकेट ले चुके हैं. इसमें तीसरे वनडे में उनके तीन विकेट शामिल हैं. भारतीय कप्तान और दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली को एडम जैंपा ने काफी परेशान किया है. विराट कोहली को अपने स्पिनर्स के साथ बात करके समझना होगा कि कहां गलती हो रही है.


स्पिनर्स की एक बड़ी परेशानी ड्यू यानि ओस होती है जिसका नुकसान चौथे वनडे में उन्हें जमकर हुआ. विराट कोहली को ये समझना होगा कि अगर टॉस साथ दे रहा है तो पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला करते समय ओस का ध्यान जरूर रखें. इसके अलावा ‘फील्ड-प्लेसमेंट’ को लेकर भी उन्हें और सतर्क रहने की जरूरत है.


ऋषभ पंत का जलवा देखना अभी बाकि है


लगातार मौके मिलने के बाद भी ऋषभ पंत अब तक कोई बड़ा कमाल नहीं कर पाए हैं. विकेटकीपिंग में उन्होंने एक के बाद एक गलतियां की. स्पिनर्स के खिलाफ उनकी कीपिंग बहुत ही औसत रही. ना तो उनका आंकलन ठीक था और ना ही वो चुस्त-फुर्त दिखाई दिए. रही बात उनकी बल्लेबाजी की तो वहां भी उन्होंने निराश ही किया. ऋषभ पंत के पास मौका था कि वो आराम से रूककर आखिर तक खेलते. लेकिन उनकी अति आक्रामकता ने उन्हें 36 के स्कोर पर पवेलियन वापस भेज दिया. उनके आउट होने के बाद भी करीब पांच ओवर का खेल बाकि था.


विराट कोहली और केदार जाधव के भी ना चलने का नुकसान ये हुआ कि जो भारतीय टीम एक वक्त 400 रनों के आस पास पहुंचती दिखाई दे रही थी उसे कंगारुओं ने 358 रनों पर ही रोक दिया. 2019 विश्व कप के पहले आखिरी वनडे भी अपने आप में एक फाइनल सरीखा हो गया है. दिल्ली में अगला वनडे जीतने वाली टीम ही सीरीज पर कब्जा करेगी. साथ ही करोड़ों क्रिकेट फैंस को भी ये समझ आएगा कि बतौर कप्तान अब विराट कोहली के पास विश्व कप के लिए कितने सवालों का जवाब खोजना अभी बाकि है.