बॉल टेम्परिंग की घटना के बाद टीम में हो रहे बदलाव पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने कड़ा तंज कसा है. अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल करने के लिये जूझ रही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के रवैये से वॉर्न खुश नहीं हैं.
वॉर्न का मानना है कि बोर्ड ने खिलाड़ियों को अनुशासित बनाने के लिये ‘कुलीन ईमानदारी’ जैसे कुछ शब्द गढ़े हैं लेकिन वॉर्न के अनुसार टीम में शब्दों से नहीं बल्कि काम से बदलाव लाया जाना चाहिए.
साउथ अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ की घटना के बाद ऑस्ट्रेलिया का किसी भी तरह से जीत दर्ज करने का रवैया खुलकर सामने आ गया. इसके बाद जस्टिन लैंगर को कोच बनाया गया जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिये कुछ नये शब्द गढ़े हैं.
इससे पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की संस्कृति पर पिछले सप्ताह एक समीक्षा रिपोर्ट आयी थी जिसमें क्रिकेटरों से खेल की परंपराओं का सम्मान करने और ऑस्ट्रेलिया को गौरवान्वित करने की अपील की गयी थी.
रिपोर्टों के अनुसार साउथ अफ्रीका के खिलाफ पर्थ में खेले गये पहले वनडे मैच के दौरान टीम के ड्रेसिंग रूम में कुछ शब्द लिखे गये थे जिनमें ‘कुलीन ईमानदारी’ भी एक शब्द था. प्रशंसक सोशल मीडिया पर इन शब्दों का खूब मजाक बना रहे हैं.
बेबाक टिप्पणी करने वाले वार्न भला कैसे पीछे रहते. उन्होंने भी टेलीविजन पर कमेंट्री करते हुए इस नई संस्कृति की कड़ी आलोचना की.
वार्न ने फॉक्स स्पोर्ट्स पर कहा, ‘‘सभी शब्दों को भूल जाओ, छींटाकशी को भूल जाओ और इस तरह की अन्य चीजों को भूल जाओ. यह सब बकवास है. सच में इससे उल्टी करने का मन करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आखिर में क्रिकेट एक खेल है और यह प्रदर्शन पर आधारित खेल है. आपको मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना होता है. आप अपने प्रदर्शन से और मैदान पर जैसा खेल दिखाते हो उससे खुद को प्रेरित करते हो. इस तरह के शब्द या 200 पेज का दस्तावेज इसमें कोई भूमिका नहीं निभाता. मैदान पर उतरो और अच्छा खेल दिखाओ.’’