भारत के हाथों हालिया टेस्ट सीरीज में हार के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर और उनकी कोचिंग शैली आलोचनाओं के घेरे में हैं. हाल ही में ये भी खबर आयी थी कि, टीम के कुछ खिलाड़ी लैंगर की प्रबंधन शैली से खुश नहीं है. हालांकि लैंगर ने उनकी कोचिंग शैली की आलोचनाओं को ‘चेतावनी’ करार देते हुए कहा कि वह इन्हें नजरअंदाज नहीं करेंगे.
आलोचनाओं को तोहफे की तरह लेता हूं
जस्टिन लैंगर का कहना है कि, वे इन आलोचनाओं को उपहार की तरह लेते हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं निश्चित तौर पर इसको नजरअंदाज नहीं कर रहा हूं और यह मेरे लिये एक चेतावनी है. जब भी मैं अपने कोचिंग करियर का समापन करूंगा उम्मीद है कि तब भी खुद को नौसिखिया कोच ही कहूंगा. मैं इन आलोचनाओं को अगले कुछ सप्ताह या महीनों तक शानदार उपहार के तौर पर लूंगा.’’ ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के अनुबंध में अभी 18 महीने का समय बचा है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे मेंटोर वे लोग हैं जो मुझसे सच्ची बात कहते हैं और मेरी आलोचना करने से नहीं हिचकिचाते हैं. मुझे हमेशा इस तरह की ईमानदार प्रतिक्रिया चाहिए. हो सकता है कि कभी मुझे यह अच्छा न लगे लेकिन यह उपयोगी होती है.’’
खिलाड़ियों को नहीं भा रही लैंगर की प्रबंधन शैली
कुछ दिनों पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार, टीम के खिलाड़ी लैंगर की प्रबंधन शैली से खुश नहीं है क्योंकि वह छोटी छोटी चीजों पर बेवजह दबाव बनाते हैं और उनका मूड बार बार बदलता रहता है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि, लैंगर तीनों प्रारूपों में कोचिंग की जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे हैं. कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि लैंगर जरूरत से ज्यादा मीनमेख निकालते हैं. वे छोटी छोटी चीजें पकड़ने के उनके स्वभाव और मूड में पल पल बदलाव से तंग आ चुके हैं. हालांकि लैंगर इन खबरों का खंडन कर चुके हैं कि उनके और खिलाड़ियों के रिश्तों में खटास आ चुकी है.
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