Nagpur Test: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में भारतीय पिचों को लेकर बहुत कुछ लिखा जा रहा था. कोई BCCI पर निष्पक्ष पिच नहीं बनाने के आरोप लगा रहा था तो कोई अभ्यास के लिए अच्छी पिच नहीं देने पर भारतीय बोर्ड पर निशाना साध रहा था. हालांकि, अब जब ऑस्ट्रेलिया की टीम नागपुर टेस्ट में चारों खाने चित हो गई तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने अपनी टीम पर जमकर भड़ास निकाली है.
ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग मीडिया हाउस में छपी खबरों का सार निकालें तो सामने यह आता है कि नागपुर की पिच दोनों टीमों के लिए एक जैसी थी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने वहां रन बनाए और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फ्लॉप रहे. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने का हिस्सा सूखा छोड़ने पर ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को ज्यादा नुकसान होने वाली खबरों का भी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में खंडन हो गया. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक, भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने उस पिच पर खूब रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लेफ्ट हैंडर्स थोड़ी देर भी पिच पर नहीं टिक सके.
किसने क्या लिखा?
news.com.au ने लिखा, मैच से पहले पिच पर काफी विवाद था. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का खेल देखने के बाद अब इस बात में कोई दम नहीं रह गया है कि पिच के कारण ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन खराब रहा.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने नागपुर टेस्ट की तुलना गॉले टेस्ट मैच से करते हुए लिखा, गाले में दिनेश चांदीमल तो नागपुर में रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसे तकनीकी रूप से मजबूत विपक्षी खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया को खेल से बाहर कर दिया.
फॉक्स स्पोर्ट ने लिखा, भारत के बिछाए जाल में ऑस्ट्रेलियाई टीम फंस गई. कहा जा रहा था कि यह पिच बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए बेहद खतरनाक होगी. डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाज इसी डर से वहां नौसिखिये की तरह खेलते दिखे, जबकि भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी की. मेहमान टीम ने पिच पर संघर्ष करते हुए जैसे-तैसे 177 और 91 रन बनाए जबकि भारतीय टीम ने एक ही पारी में 400 रन बना डाले.
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