T20 World Cup 2024: नमीबिया बनाम ओमान टी20 वर्ल्ड कप मैच ने क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी है. ये क्रिकेट में ऐसा दौर है जहां मैच पर आमतौर पर बल्लेबाजों का दबदबा होता है, लेकिन नमीबिया और ओमान के मैच ने साबित किया कि लो-स्कोरिंग मैचों में एक अलग ही लेवल का रोमांच देखने को मिलता है. ओमान ने पहले खेलते हुए 109 रन बनाए थे, लेकिन नमीबिया भी लक्ष्य का पीछा करते हुए इतने ही रन बना पाई. ऐसी स्थिति में सुपर ओवर करवाया गया, जिसमें नमीबिया ने 11 रनों के अंतर से आसानी से मुकाबला अपने नाम किया. सुपर ओवर का नियम नया नहीं है क्योंकि इसका इस्तेमाल पहली बार 2008 में किया गया था. मगर टी20 फॉर्मेट तो 2008 से पहले ही शुरू हो चुका था, तो भला उससे पहले टाई-ब्रेकर से निजात पाने के लिए आइए जानते हैं किस नियम का इस्तेमाल किया जाता था.


क्या है सुपर ओवर?


सुपर ओवर का इस्तेमाल क्रिकेट के किसी मैच में टाई ब्रेकर के रूप में किया जाता है. यदि किसी मैच में दोनों ही टीमें निर्धारित ओवरों में एक जैसा स्कोर बना पाती हैं, तब सुपर ओवर को अमल में लाया जाता है. सुपर ओवर की स्थिति में दोनों टीमों को खेलने के लिए 6 गेंद मिलती हैं. सुपर ओवर में एक टीम को 2 ही विकेट मिलती हैं और उन्हें निर्धारित 6 गेंद में ज्यादा से ज्यादा रन बनाने होते हैं. वहीं विपक्षी टीम यदि 6 ओवर में लक्ष्य को हासिल कर लेती है तो उसे विजेता घोषित किया जाता है अथवा पहले खेलने वाली टीम विजयी होगी.


जब नहीं था सुपर ओवर?


टी20 क्रिकेट में सुपर ओवर पहली बार साल 2008 में अमल में लाया गया, वहीं वनडे क्रिकेट की बात करें तो इसका प्रयोग पहली बार 2011 के वर्ल्ड कप में किया गया था. चूंकि 2008 से पूर्व 2007 में टी20 वर्ल्ड कप हुआ था, उसमें केवल एक ही मैच टाई हुआ था. उस समय टाई ब्रेकर के रूप में बॉल-आउट नियम का इस्तेमाल किया गया था. बॉल-आउट नियम के तहत मुकाबला टाई होने पर दोनों टीमों की ओर से पांच-पांच गेंदबाज एक-एक गेंद फेंकते हैं. उन सभी को स्टम्प पर गेंद मारनी होती है. पांच में से जिस टीम के गेंदबाज ज्यादा बार स्टम्प को हिट करेंगे, उसे विजेता घोषित किया जाता था. इसे फुटबॉल में पेनल्टी शूटआउट नियम की तरह भी देखा जा सकता है.


भारत-पाकिस्तान मैच में हुआ था बॉल-आउट


टी20 विश्व कप 2007 में भारत और पाकिस्तान को ग्रुप डी में रखा गया था. ग्रुप स्टेज के मैच में भारत ने पहले खेलते हुए 141 रन बनाए थे. दूसरी ओर पाकिस्तान भी निर्धारित ओवरों में इतने ही रन बना पाया. ऐसे में टाई ब्रेकर के रूप में बॉल-आउट करवाया गया. ये क्रिकेट इतिहास में पहली बार था जब इस नियम का इस्तेमाल किया जा रहा था. एक तरफ भारत की ओर से वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा, तीनों ने स्टम्प पर को हिट किया. मगर पाकिस्तान का एक भी गेंदबाज स्टम्प को हिट नहीं कर पाया. इसी के चलते भारत उस मैच का विजेता रहा.


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