खिलाड़ियों की वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल के बीच बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के पूर्व अध्यक्ष ने देश में क्रिकेट में बड़े पैमाने पर फिक्सिंग और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. बीसीबी के पूर्व अध्यक्ष साबीर हुसैन चौधरी ने कहा बोर्ड की संचालन परिषद भी भ्रष्टाचार में शामिल है. चौधरी संसद सदस्य भी हैं.


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड दुनिया की एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय खेल इकाई है जो संस्थागत तरीके से मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ यह अविश्वसनीय है. मैंने खुद कई बार इस मुद्दे को उठाया है.’’


राष्ट्रीय टीम के कप्तान शाकिब अल हसन ने भी घरेलू क्रिकेट में भ्रष्टाचार पर चिंता जाहिर करते हुए क्रिकेटरों के वेतन को बढ़ाने की मांग के साथ देश के पेशेवर खिलाड़ियों के साथ हड़ताल शुरू की है.


खिलाड़ियों के इस हड़ताल के कारण बांग्लादेश का आगामी भारतीय दौरा अधर में लटक सकता है. खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेटरों की वेतन में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ मैच फीस भी बढ़ाने की मांग की है.


मैच फिक्सिंग के कथित आरोपों के कारण 2014 के बांग्लादेश प्रीमियर लीग टी20 प्रतियोगिता को रद्द कर दिया गया था.


बांग्लादेश में भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला 2017 मे सामने आया जब दूसरे श्रेणी के एक मुकाबले में गेंदबाज ने लगातार वाइड और नो बाल फेंक कर पहले ओवर में ही 92 रन लुटाये और टीम मैच हार गयी. टीम ने हालांकि कहा था कि यह अंपायर के पक्षपाती रवैये के कारण किया गया था.


इस मुकाबले में लालमाटिया की टीम 14 ओवर में 88 रन पर आउट हो गयी थी जबकि एक्जिओम ने महज चार गेंदों में बिना विकेट गंवायें 92 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया था. इस दौरान गेंदबाज ने 13 वाइड और तीन नोबाल फेंकी और ये सभी गेंद सीमा रेखा के पार गयी जिससे 80 अतिरिक्त रन बने.