IND vs BAN T20I series: भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 सीरीज का पहला मुकाबला ग्वालियर में बीते रविवार (06 अक्टूबर) को खेला गया. मुकाबले में टीम इंडिया ने जीत हासिल की. अब ग्वालियर से सामने आई एक खबर में दिलचस्प खुलासा हुआ, जिसमें बताया गया कि बांग्लादेश टीम ने नमाज के लिए मस्जिद जाने के लिए मना कर दिया और फिर होटल में ही नमाज अदा की. तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला.


ग्वालियन जोन के इंस्पेक्टर जनरल अरविंद सक्सेना ने पीटीआई से फोन पर बात करते हुए इस बात की जानकारी दी कि बांग्लादेश टीम जुमे की नमाज के लिए मस्जिद शहर की मोती मस्जिद नहीं गई, बल्कि टीम के खिलाड़ियों ने होटल में नमाज पढ़ने का फैसला किया. अरविंद सक्सेना ने कहा, "हमने मोती मस्जिद के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे, लेकिन बांग्लादेश की टीम नहीं आई. किसी भी संगठन ने उनकी यात्रा को बाधित करने का कोई आह्वान नहीं किया." बताते चलें कि मस्जिद शहर के फूलबाग एरिया में है, जो टीम के होटल से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर था. 


अगस्त में बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा तख्तापलट देखने को मिला था. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर फरार हो गई थीं. इसके बाद खबरें आईं कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होने लगा. इसी के विरोध में दक्षिणपंथी संगठनों ने मैच के दिन 'ग्वालियर बंद' का आह्वान किया था. हालांकि इसको देखते हुए शहर में सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि मस्जिद ना जाने का फैसला टीम के मैनेजमेंट लेवल पर लिया गया. इसके अलावा अधिकारी ने इस बात को भी कंफर्म किया कि शहर काजी होटल पहुंचे और 1 से 2:30 के बीच बांग्लादेशी क्रिकेटर्स को नमाज पढ़ाई. 


होटल और माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम के बीच की दूरी करीब 23 किमी की है और खिलाड़ी अपने शेड्यूल के हिसाब से सिक्योरिटी के बीच आ-जा रहे थे. पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, "दौरा करने वाली टीम को सिर्फ 3 किलोमीटर की सिक्योरिटी देना हमारी तरफ से कोई मुद्दा नहीं था."


2,500 पुलिसकर्मी थे तैनात


अधिकारी ने बताया कि ग्वालियर में भारत-बांग्लादेश मैच वाले दिन यानी रविवार को पहले से ही 2,500 पुलिसकर्मी तैनान थे.


 


ये भी पढे़ं...


2011 वर्ल्ड कप के 'हीरो', विश्व कप में तीन बार सर्वाधिक विकेट; जहीर खान के रिकॉर्ड उड़ा देंगे होश