Bangladesh Protests: 'ना जाने क्या होगा...', बांग्लादेश में तख्तापलट, PM ने छोड़ा देश; संकट में पाकिस्तान सीरीज
BAN vs PAK Test Series Bangladesh Protests: बांग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश क्रिकेट टीम पर संकट गहरा गया है. जानें बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट क्यों हुआ है?
BAN vs PAK Test Series Bangladesh Protests: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुआ विरोध बहुत विकराल रूप ले लेगा, यह शायद शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने भी नहीं सोचा होगा. बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हुआ है, जिसके कारण शेख हसीना को देश तक छोड़ना पड़ गया है. राजनीति में मचे इस उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश क्रिकेट टीम (Bangaldesh Cricket Team) की तैयारियों पर भी बहुत गहरा असर पड़ा है. बता दें कि बांग्लादेश टीम को करीब 2 हफ्तों बाद ही पाकिस्तानी दौरे पर निकलना है, जहां दोनों टीमों के मध्य 2 टेस्ट मैच खेले जाने हैं.
पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में आर्मी ने कमान संभाल ली है. आर्मी रूल के बीच बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के एक अधिकारी ने क्रिकबज से बात करते हुए इस मामले पर बयान देते हुए कहा, "हम नहीं जानते कि हमारी क्रिकेट टीम कब दोबारा अभ्यास शुरू कर पाएगी क्योंकि यहां अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. हमारा मैनेजमेंट इस मामले की जांच कर रहा है और हमें जब मौजूदा परिस्थितियों पर ज्यादा जानकारी मिल पाएगी तब हम अपनी स्थिति को बेहतर समझ पाएंगे."
कब होनी है बांग्लादेश-पाकिस्तान सीरीज?
बांग्लादेश क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा 21 अगस्त से 3 सितंबर तक चलेगा. इस बीच दोनों देशों के बीच दो टेस्ट मैच खेले जाने हैं. पहला मैच रावलपिंडी और दूसरा मैच कराची में खेला जाना है. इस दौरे में अब दो सप्ताह का समय भी बाकी नहीं रह गया है, लेकिन बांग्लादेश टीम कर्फ्यू के कारण तैयारी तक नहीं कर पा रही है. इसके अलावा सितंबर महीने में बांग्लादेशी टीम को भारत भी आना है, जहां दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट और 3 टी20 मैच खेले जाने हैं. फिलहाल विरोध प्रदर्शन के कारण शेड्यूल को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता.
क्यों हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन?
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है. दरअसल 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाता है. छात्रों ने शुरुआत में आरक्षण के खिलाफ छोटे स्तर पर विरोध शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे छात्र सड़कों पर उतर आए और कुछ ही दिनों में इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है. मामला अधिक गंभीर तब हो गया जब पीएम शेख हसीना ने छात्रों की मांग पूर करने से इनकार कर दिया था.
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