एक के बाद एक दो टेस्ट, दो अलग-अलग महादेश में, एक तरफ गेंदबाजों का जलवा रहा तो एक तरफ बल्लेबाजों का. लेकिन बात जब आईसीसी तक पहुंची दो दोनों ही पिच को खराब बता दिया गया. पहला मैच खेला गया साउथ अफ्रीका और भारत के बीच तो दूसरा मुकाबला खेला गए बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच.


भारत ने जोहान्सबर्ग में मेजबान साउथ अफ्रीका को 63 रन से हारया था लेकिन पिच का हाल बेहाल था और आईसीसी ने उसे तीन डिमेरिट प्वाइंट दे दिए. मैच में लगभग 296 ओवर किए गए जिनमें 805 रन बने और 40 विकेट गिरे, लेकिन यह विकेट चर्चा का विषय रहा क्योंकि दोनों टीमों के कई बल्लेबाजों को अप्रत्याशित उछाल और बहुत अधिक सीम मूवमेंट के कारण चोटें भी लगी.


इस टेस्ट के बाद जो दूसरा टेस्ट मैच खेला गया वो था बांग्लादेश के चिटगांव में. इस पिच को इसलिए खराब माना गया क्योंकि यहां गेंदबाजों के लिए कुछ भी नहीं था. मैदान पर 1533 रन बने जबकि सिर्फ 24 विकेट ही गिरे. पिच का हाल ऐसा बेहाल था कि यहां न तो तेज गेंदबाजों को कोई सीम मिली और न ही गेंद को उछाल ही मिल सकी. जिसके कारण बल्लेबाजों ने जमकर रन बनाए. पूरे मैच के दौरान पांच शतक और छह अर्द्धशतक बने.


रनों के अंबार के बाद इस पिच को औसत से खराब करार देते हुए आईसीसी ने एक डिमेरिट प्वाइंट दे दिए. यह डिमेरिट प्वाइंट पांच साल तक लागू रहेगा और इस दौरान अगर जहूर अहमद चौधरी स्टेडियम के पांच डिमेरिट प्वाइंट हो जाते हैं तो 12 महीने तक वहां कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं होगा.