बड़ौदा के रणजी प्लेयर विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) ने खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल पेश की है. इस खिलाड़ी ने अपनी बेटी की मौत के दर्द के बीच रणजी मैच (Ranji Match) में शानदार शतक लगाया है. वह बेटी का अंतिम संस्कार कर तीन दिन पहले ही मैदान पर लौटे थे. क्रिकेटर्स से लेकर आम जन तक उनके इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं.


दरअसल, कुछ दिनों पहले ही विष्णु की नवजात बेटी (New Born Daughter) इस दुनिया को छोड़ कर चली गई. उनके घर जब यह घटना हुई तब विष्णु भुवनेश्वर में अपनी टीम के साथ थे. विष्णु को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वह फौरन बड़ौदा के लिए निकल गए. वहां उन्होंने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार किया. बेटी के जाने के गम के बीच ही उन्होंने फिर से रणजी ट्रॉफी में लौटने का फैसला किया और वह भुवनेश्वर लौट आए.


बड़ौदा के लिए पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले विष्णु ने मैदान पर लौटते ही चंडीगढ़ के खिलाफ यादगार पारी खेली. उन्होंने 165 गेंद पर 104 रन बनाए. उनकी इस पारी की बदौलत बड़ौदा ने 517 रन का स्कोर बनाकर पहली पारी के आधार पर 349 रन की विशाल बढ़त ले ली. बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उनकी इस पारी की तारीफ की और उन्हें रियल हीरो बताया. 


बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के CEO शिशिर हट्टनगड़ी ने लिखा, 'यह एक क्रिकेटर की कहानी है, जिसने कुछ दिन पहले अपनी नवजात बेटी को खोया. उसने अंतिम संस्कार किया और फिर टीम में शामिल होकर शतक लगाया. शायद उनके नाम को सोशल मीडिया पर लाइक्स न मिले लेकिन मेरे लिए वह रियल हीरो हैं.'







कई रणजी खिलाड़ियों ने उनकी इस पारी को सलाम किया. सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने लिखा है, 'क्या खिलाड़ी हैं. मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं उनमें सबसे ज्यादा टफ प्लेयर. विष्णु और उनके परिवार को सलाम है. उम्मीद करता हूं कि आपके बल्ले से ऐसे और शतक निकलें.'


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