बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजमुल हसन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों की अभूतपूर्व हड़ताल के पीछे कोई षडयंत्र नजर आ रहा है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आगामी भारत दौरा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा.


हसन के हवाले से ‘डेली स्टार’ ने कहा,‘‘मुझे उम्मीद है कि शिविर लगेगा. भारत का दौरा होगा. मेरा मानना है कि अधिकांश खिलाड़ी खेलना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि वे पांच हजार टके के लिये देश का नाम खराब करेंगे. लेकिन देखते हैं कि क्या होता है.’’

खिलाड़ियों की इस हड़ताल से टीम का आगामी भारत दौरा प्रभावित हो सकता है जो तीन नवंबर से शुरू होना है.

टेस्ट और टी20 टीम के कप्तान शाकिब अल हसन, महमुदूल्लाह और मुशफिकुर रहीम सहित देश के शीर्ष क्रिकेटरों ने सोमवार को वेतन बढ़ाने के साथ कई और मांगों को लेकर क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि में भाग लेने से मना कर दिया है.

इस मामले पर बीसीबी निदेशकों के साथ आपात बैठक करने के बाद हसन से संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे की इस साजिश के पीछे कौन है.’’

हसन के हवाले से डेली अखबार ने खबर दी कि इस तरह खुल कर विरोध करने का मकसद अराजकता पैदा करना और देश में खेल की छवि को बिगाडना है.

बीसीबी के निदेशक जलाल यूनुस ने कहा कि खिलाड़ियों को मीडिया के सामने मांग रखने की जगह बोर्ड के पास आना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें चेतावनी देने से पहले बोर्ड के समाने अपनी मांगों को रखना चाहिए था. उन्होंने हालांकि, मीडिया के सामने जाकर क्रिकेट से जुड़ी सभी गतिविधि से दूर रहने का फरमान सुना दिया. यह ब्लैकमेल करने की तरह है.’’

बीसीबी के एक अन्य निदेशक महबूब उल अनाम को लगता है कि यह बोर्ड के खिलाफ कोई षडयंत्र है.

उन्होंने कहा, ‘‘वे मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रिकेट संचालन के अध्यक्ष या बोर्ड के अध्यक्ष के जरीये इस मांग को उठा सकते थे. अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब से इस तरह का कदम उठा सकते थे. मुझे लगता है कि क्रिकेटरों के हड़ताल के पीछे कोई और वजह है. यह बीसीबी के खिलाफ साजिश है.’’

बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और क्रिकेट संचालन के प्रमुख अकरम खान ने खिलाड़ियों की सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी चीजें हमेशा से एक अंदोलन से शुरू होती है. एक बार जब आप बोर्ड के साथ बैठक कर लेते है तब यह अंदोलन नहीं रहता है. बोर्ड क्रिकेटरों की मदद के लिए है. मुझे उम्मीद है कि क्रिकेटरों और बोर्ड के बीच मसला जल्दी सुलझ जाएगा. ’’

खिलाड़ियों की अन्य प्रमुख मांगों में बांग्लादेश प्रीमियर लीग का आयोजन फ्रेंचाइजी आधार पर जारी रखना, ढाका प्रीमियर लीग (घरेलू प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता) के लिए खिलाड़ियों का ‘ओपन मार्केंट ट्रांसफर’ रखना, केन्द्रीय अनुबंध वाले खिलाड़ियों का वेतन बढ़ाना और इसमें अधिक खिलाड़ियों को रखना शामिल है.

बीसीसीआई ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचते हुए इसे बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया.