भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है. आईसीसी ने अगले आठ साल में ग्लोबल टूर्नामेंट्स की मेजबानी के लिए बोली आमंत्रित की है. बीसीसीआई ने आईसीसी की इस नीति का विरोध किया है. बीसीसीआई का कहना है कि वह आईसीसी के इस कदम के बेहद खिलाफ है.


आईसीसी की दो दिन पहले हुई बोर्ड मीटिंग में बीसीसीआई ने साफ किया कि वह इस तरह से ग्लोबल संस्था के संभावित मेजबान देश से धनराशि की मांग करने के विचार के पूरी तरह से खिलाफ हैं. बीसीसीआई ने कहा, ''बीसीसीआई अधिकारियों ने कल की बोर्ड बैठक के दौरान अगले चक्र के लिये बोली आमंत्रित करने के विचार के बारे में अपना विरोध दर्ज करवाया है.''


आईसीसी के समर्थन में है पाकिस्तान


बीसीसीआई को इस मुहिम में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से समर्थन मिलने का भरोसा है. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ''हमें पूरा भरोसा है कि हमें इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट आस्ट्रेलिया से भी अच्छा सहयोग मिलेगा.''


बोली आमंत्रित करने के इस विचार पर आईसीसी को पाकिस्तान और श्रीलंका के बोर्ड का सहयोग मिला है. सूत्र ने कहा, ''यहां तक कि कुछ छोटे बोर्ड जैसे ओमान और एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के साथ मलेशिया और सिंगापुर उन बोर्ड में शामिल हैं जिन्होंने वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी के लिये संयुक्त बोली में दिलचस्पी सौंपी है.''


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