BCCI Test: गेंद शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी के हेलमेट में अटक जाए तो आउट होगा या नहीं? BCCI ने परीक्षा में अंपायर्स से पूछे मजेदार सवाल
बीसीसीआई (BCCI) ने टेस्ट महिला और जूनियर मैचों (ग्रुप-डी) में अंपायर बनने के लिए परीक्षा का आयोजन किया, लेकिन इस परीक्षा में 140 में से महज 3 अंपायर ही कट ऑफ पार कर पाए.
Board of Control for Cricket in India: दरअसल, मौजूदा वक्त में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) लगातार इस पर काम कर रहा है कि अंपायरिंग का स्तर कैसे बेहतर किया जाए. इसके लिए कई स्टेज पर टेस्ट लेकर अंपायरों को तैयार किया जाता है. बहरहाल, पिछले दिनों इसी तरह के टेस्ट का आयोजन किया गया. यह टेस्ट टेस्ट महिला और जूनियर मैचों (ग्रुप-डी) में अंपायर बनने के लिए आयोजित किया गया था. टेस्ट महिला और जूनियर मैचों (ग्रुप-डी) में अंपायर बनना नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अंपायर बनने का पहला स्टेप माना जाता है.
टेस्ट में 140 में से महज 3 अंपायर ही हुए पास
दरअसल, बीसीसीआई के इस टेस्ट में 140 में से महज 3 अंपायर ही कट ऑफ पार करने में सफल रहे. वहीं, यह एग्जाम लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. वैसे अगर इस परीक्षा की बात करें तो यह परीक्षा 200 नंबरों का था, इसके लिए कट ऑफ 90 तय किया गया. रीटेन एग्जाम के 100 नंबर और मौखिक और वीडियो के 35-35 नंबर थे. जबकि इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद पहली बार फिजिकल टेस्ट को शामिल किया गया.
इस परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ मजेदार सवाल निम्नलिखित है-
1- अगर पवेलियन के किसी हिस्से की परछाई, पेड़ या फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी की परछाई पिच पर पड़ती है तो बल्लेबाज उसकी शिकायत करते हैं तो आप क्या करेंगे?
2- गेंदबाज को चोट लगी है और उसके हाथ में पट्टी/टेप बंधी है. अगर आपको लगता है कि उसकी चोट सही है और अगर पट्टी हटाता है तो खून निकलेगा तो क्या आप उसे पट्टी लगाकर गेंदबाजी करने की इजाजत देंगे?
3- एक सही गेंद पर बल्लेबाज ने शॉट खेला. गेंद शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी के हेलमेट में अटक गई. गेंद के कारण हेलमेट गिर गया, लेकिन गेंद को जमीन पर गिरने से पहले फील्डर ने कैच कर लिया तो क्या आप बल्लेबाज को आउट देंगे?
'क्वालिटी से समझौता नहीं कर सकते हैं'
वहीं, बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, यह एग्जाम महज क्रिकेट के नियमों को लेकर नहीं था, बल्कि इस दौरान यह भी परखने की कोशिश की गई कि अंपायर के तौर पर लाइव मैच के दौरान अलग-अलग हालात में किस तरह फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि परीक्षा में सवाल आसान नहीं थे, लेकिन क्वालिटी से समझौता नहीं कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर आगे अंपायरिंग करना चाहते हैं तो गलती कम से कम होनी चाहिए.
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