सीओए का तमिलनाडु क्रिकेट संघ पर आरोप, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कर रही है गलत व्याख्या
बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति ने तमिलनाडु क्रिकेट क्रिकेट संघ पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेशों की गलत व्यख्या करने का आरोप लगाया है.
बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सोओए) ने हाई कोर्ट में 20 पन्नों की याचिका दायर की है जिसमें तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) पर कोर्ट के फैसले का गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया गया है.
इससे पहले 20 सितंबर को कोर्ट ने टीएनसीए को चुनाव कराने का आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया था कि नौ साल पूर होने पर राज्य इकाई के चुनाव लड़ने की अयोग्यता केवल पदाधिकारियों तक ही सीमित है.
सीओए ने अपनी याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गलत तरह से व्याख्या की गयी मानो कि वह 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के मुख्य फैसले को परिवर्तित कर दे.
सीओए के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कुछ लोगों ने जानबूझकर गलत व्याख्या की है क्योंकि वे मुख्य फैसले को परिवर्तित करना चाहते हैं. सीओए को लग रहा है कि इससे छह तरह से आदेश की अवहेलना हो सकती है.
पहला, गैर-भारतीय नागरिक प्रबंध समिति या संचालन समिति में आ सकता है. दूसरा, 70 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति विभिन्न समितियों का सदस्य बन सकता है जबकि बीसीसीआई में इसकी मंजूरी नहीं है.
तीसरा, कमजोर दिमाग वाले किसी व्यक्ति को समितियों में चुना जा सकता है. चौथा, मंत्री या सरकारी कर्मचारी भी चुनाव मैदान में आ सकते हैं.
पांचवां, दूसरे खेल से जुड़े प्रशासक इसमें शामिल हो सकते है और छठा आपराधिक मामले में संलिप्त लोगों के लिए इसके दरवाजे खुल सकते हैं.