नई दिल्लीः क्रिकेट के सबसे पसंदीदा लीग इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज हो चुका है. क्रिकेट के रोमांच के शुरु होने से पहले बीसीसीआई चर्चा में है. इस चर्चा के पीछे कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि प्रसिद्ध टीवी कमेंटेटर हर्षा भोगले हैं. बीसीसीआई ने उन्हें आईपीएल के कमेंटेटर्स पैनल से बाहर निकाल दिया है. हर्षा भोगले कई सालों से क्रिकेट कमेंट्री कर रहे हैं और उनकी गिनती पांच सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर्स में से की जाती है. लेकिन इस बार उन्हें कमेंट्री बॉक्स से दूर रखा गया है. हालांकि अभी तक इसके पीछे की असली वजह का पता नहीं चल पा रहा है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि एक ट्वीट के बाद ये सब हुआ.
23 मार्च को जब टी 20 विश्व कप मुकाबले में भारत ने करीबी मुकाबले में बांग्लादेश को हराया था तो दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मैच के बाद ट्वीट किया था, ‘मैं सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि यह बेहतर होता कि भारतीय कमेंटेटर्स दूसरे खिलाड़ियों की बजाय हमारे खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा बात करते.’ अमिताभ बच्चन के इस ट्वीट के बाद टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी उनका समर्थन किया था. प्रशंसकों और दर्शकों के सवाल के बाद अमिताभ की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई कि ये ट्वीट भारत के दो अन्य कमेंटटर सुनील गावस्कर और संजय मांजरेकर को लेकर नहीं था. इसके बाद माना गया कि अमिताभ का इशारा हर्षा की ओर था.
इन ट्वीट के बाद हर्षा भोगले ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई देते हुए कहा था कि उनका काम मैदान में हो रही हर एक गतिविधि की पूरी तस्वीर बताने की है. मामला सिर्फ बांग्लादेश के खिलाफ हुए मुकाबले और ट्वीट का नहीं हैं. इससे पहले नागपुर स्टेडियम में हुई एक घटना को भी उनको ऑफ एयर करने के पीछे जिम्मेदार बताया जा रहा है.
स्टेडियम में 15 अप्रैल को भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच खेला जा रहा था. मैच में बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर भी मौजूद थे. भोगले को हिंदी और अंग्रेजी कमेंट्री बॉक्स में मैच के दौरान आना-जाना पड़ता था. स्टेडियम में दोनों कमेंट्री बॉक्स के बीच अध्यक्ष का केबिन था. चूंकि अध्यक्ष का केबिन बंद था तो भोगले को एक बॉक्स से दूसरे बॉक्स तक जाने के लिए सीढि़यों से ऊपर-नीचे जाना पड़ता था. इसकी वजह से भोगले को काफी दिक्कत हो रही थी. सूत्रों के मुताबिक भोगले ने तंग आकर अध्यक्ष के केबिन के दरवाजे को ठोकर मारी, जिसके बारे में बीसीसीआई अध्यक्ष को पता चल गया. मनोहर ने कथित तौर पर इसका बुरा माना और उन्हें पैनल से हटाने के लिए कहा. भोगले को पैनल से हटाने के पीछे की वजहों के बारे में नहीं बताया गया.
इस मुद्दे पर अंग्रेजी अखबार द संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए भोगले ने कहा कि उन्हें मेरा पक्ष भी सुनना चाहिए. मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया. मुझे अभी तक किसी ने आधाकारिक तौर पर वजह नहीं बताई है. सभी ने मुझे यह बताया कि यह बीसीसीआई मैनेजमेंट का फैसला है.’
इस पूरे मुद्दे पर अभी तक बीसीसीआई की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन खबरों की मानें तो बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें(हर्षा) को हटाने के पीछे बीसीसीआई की कोई भूमिका नहीं है. इसका फैसला प्रोडेक्शन हाउस (आईएमजी) द्वारा लिया गया है, जो कि सोशल मीडिया और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर तय करता है.’