वीरेंद्र सहवाग ने कहा, "अरुण जेटली जी के जाने से बहुत दुख है. उन्होंने दिल्ली के क्रिकेटरों को भारत का प्रतिनिधित्व करने में अहम भूमिका निभाई. एक वक्त था, जब दिल्ली के क्रिकेटरों को हाई लेवल तक जाने का चांस नहीं मिल पाता था, लेकिन डीडीसीए की लीडरशिप के दौरान उन्होंने दिल्ली के क्रिकेटरों को यह मौके दिलवाए."
उन्होंने कहा, "वह खिलाड़ियों की जरूरतें सुनते थे और उन्हें हल भी करते थे. मैं निजी तौर पर उनके साथ एक बेहद खूबसूरत रिलेशनशिप शेयर करता हूं. मेरी प्रार्थना और संवेदना उनके परिवार के साथ है. ओम शांति."
बीसीसीआई अध्यक्ष सीके खन्ना ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह पूरे देश के लिए बड़े दु:ख का दिन है. हमने जेटली जी को खो दिया है. वह एक विनम्र और आत्मबल के धनी इंसान थे जो अपनी मेहनत से नई ऊंचाइयों पर पहुंचे थे. उन्होंने आधुनिक भारत के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है."
खन्ना ने कहा, "जेटली जी का निधन व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी एक बड़ी क्षति है. हमारा जुड़ाव श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के दिनों से था और हमने साथ काम किया था. कॉलेज यूनियन में वह अध्यक्ष और मैं महासचिव था."
बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, "मैंने उनके साथ डीडीसीए और बीसीसीआई में क्रिकेट प्रशासन में भी काम किया. वह क्रिकेट के भी कुशल प्रशासक थे और क्रिकेट में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. आज भारत ने अपना बड़ा राजनेता खो दिया है और व्यक्तिगत रूप से मैंने अपना प्रिय मित्र खो दिया है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे."