BCCI Test Incentive Scheme: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को ज्यादा सैलरी देने का प्लान बनाया है. बोर्ड ने टेस्ट प्लेयर्स के लिए इंसेंटिव स्कीम लागू की है. अब एक सीजन में 75 प्रतिशत टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को एक मैच के करीब 45 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं एक सीजन में 50 से 74 प्रतिशत टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 30 लाख रुपये मिलेंगे. धर्मशाला टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के बाद सचिव जय शाह ने इसकी घोषणा की.
एक टेस्ट खिलाड़ी जो एक सीजन में लगभग 10 टेस्ट मैच में हिस्सा लेता है, उसे बतौर प्रोत्साहन 4.50 करोड़ रुपये की मोटी धनराशि मिलेगी जो उसकी संभावित 1.5 करोड़ रुपये की मैच फीस (प्रत्येक मैच 15 लाख रुपये) से इतर होगी. साथ ही शीर्ष क्रिकेटरों को सालाना केंद्रीय अनुबंध के अंतर्गत ‘रिटेनर फीस’ भी मिलेगी.
अनुभवी क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव को इस साल कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला है तो उन्हें पिछले सत्र के लिए उनकी ‘प्रोत्साहन’ राशि दी जायेगी. जय शाह ने कहा कि बोर्ड 2022-23 और 2023-24 सत्र के लिए करीब 45 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगा.
BCCI सचिव जय शाह ने पत्रकारों के ग्रुप से बातचीत के दौरान कहा, "इस योजना से खिलाड़ियों की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कॉन्ट्रैक्ट से कहीं ज्यादा कमाई होगी. यह दिखाता है कि आईपीएल महत्वपूर्ण है, लेकिन द्विपक्षीय क्रिकेट भी बहुत जरूरी है. इसमें कुल राशि 45 करोड़ रुपये खर्च होगी."
वहीं शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, "मुझे सीनियर पुरुष टीम के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ की शुरूआत करने की घोषणा करके खुशी हो रही है, क्योंकि यह कदम हमारे खिलाड़ियों को वित्तीय विकास और स्थिरता मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया गया है. 2022-23 सत्र से ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ टेस्ट मैच के लिए मौजूदा 15 लाख रुपये की मैच फीस के लिए अतिरिक्त पुरस्कार के तौर पर काम करेगी. यह प्रोत्साहन पूर्वप्रभावी होगा जिसका असर 2022-23 सत्र के दौरान टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर भी होगा."
उदाहरण के तौर पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 2023-24 सीजन के दौरान सभी 10 टेस्ट (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो-दो, इंग्लैंड के खिलाफ पांच) खेले हैं तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की मैच फीस मिलेगी. साथ ही उन्हें 4.5 करोड़ रुपये भी मिलेंगे. ऐसे में उनकी टेस्ट क्रिकेट से ही 6 करोड़ की कमाई हो जाएगी.
वहीं इसमें अगर हर साल की सात करोड़ रुपये की उनकी सालाना रिटेनरशिप भी जोड़ दी जाये तो उनकी कमाई 13 करोड़ रुपये हो जाएगी. यह निश्चित रूप से उनके एक सत्र में वनडे (प्रत्येक मैच आठ लाख रुपये) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (प्रत्येक मैच चार लाख रुपये) मैच के लिए मिलने वाली राशि से इतर होगी.
यह फैसला कुछ खिलाड़ियों के टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं देने पर लिया गया है. दरअसल, हाल ही में ईशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर जैसे युवा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी छोड़कर आईपीएल की तैयारियों में जुटे थे. ऐसे में बोर्ड ने अपने इस फैसले से खिलाड़ियों का ध्यान टेस्ट क्रिकेट की तरफ खींचने की कोशिश की है.