Impact Player Rule: फुटबॉल, रग्बी, बास्केटबॉल और बेसबॉल जैसे खेलों में अक्सर आपने सब्स्टिट्यूट खिलाड़ियों (Substitute Players) को खेलते देखा होगा. टीमें मैदान में मौजूद अपने किसी खिलाड़ी को बेंच पर बैठाकर उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को उतार देती है. मैच की रणनीति और परिस्थिति के हिसाब से टीमें ऐसा करती हैं. क्रिकेट में भी अब जल्द ही ऐसा दिखाई देने वाला है. हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि केवल भारत में घरेलू टूर्नामेंट के दौरान देखा जा सकेगा.


BCCI अक्टूबर में शुरू हो रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) से घरेलू टी20 मैचों में टीमों को सब्स्टिट्यूट उतारने का मौका देगी. इस नियम को 'इम्पेक्ट प्लेयर' नाम दिया गया है. इसके तहत टीमें रणनीतिक तौर पर अपने किसी एक खिलाड़ी को सब्स्टिट्यूट के तौर पर मैदान में उतार सकेगी. TOI की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.


2005 में पहली बार क्रिकेट में लाया गया था यह नियम
ICC साल 2005 में क्रिकेट में सब्स्टिट्यूशन को आजमा चुका है. तब एक साल के अंदर ही इस नियम को हटा दिया गया था. अब BCCI घरेलू टूर्नामेंट में इसके साथ प्रयोग कर इसे IPL में भी लाने की योजना बना रहा है. कहा जा रहा है कि यह नियम खेल को और रोचक बना सकता है.


क्या रहेंगे नियम?
इस नियम के तहत टीमों को टॉस के वक्त अपनी प्लेइंग-11 का एलान करने के साथ-साथ चार सब्स्टिट्यूट भी बताने होंगे. हालांकि टीमें इन चार में से केवल एक सब्स्टिट्यूट का उपयोग कर सकेंगी. मैच के 14वें ओवर तक टीमें सब्स्टिट्यूट को मैदान पर भेज सकती है. इसके लिए मैदान पर मौजूद अंपायर या फोर्थ अंपायर को ओवर खत्म होने पर जानकारी देना होगी. कप्तान/हेड कोच/टीम मैनेजर में से कोई भी एक यह बात अंपायर को बता सकता है. जिस खिलाड़ी के बदले नए खिलाड़ी को भेजा जाएगा, वह खिलाड़ी फिर पूरे मैच से बाहर ही रहेगा. यानी वह फील्डिंग करते हुए भी नहीं देखा जा सकेगा.


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