बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस विचार को मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन इस पर मंगलवार को मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में होने वाली आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बैठक में विस्तृत चर्चा की जाएगी. अधिकारी ने कहा, "हम ऐसी स्थिति पर विचार कर रहे हैं जहां टीमों को अंतिम-11 के बजाए 15 खिलाड़ियों को चुनना हो और एक खिलाड़ी को मैच के दौरान कभी भी विकेट गिरने के बाद या ओवर खत्म होने के बाद बदला जा सके. हम इसे आईपीएल में लाने की सोच रहे हैं लेकिन आगामी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस नियम को लागू करना सही होगा."
अधिकारी से जब पूछा गया इससे मैच पर किस तरह का असर होगा, तो उन्होंने कहा कि यह नियम मैच का परिणाम बदल सकता है और दोनों टीमों के लिए हटकर सोचने तथा रणनीति बनाने को बढ़ावा देगा. अधिकारी ने कहा, "सोचिए की आपको छह गेंदों पर 20 रन चाहिए और आंद्रे रसैल बाहर बैठे हैं क्योंकि वह पूरी तरह से फिट नहीं और अंतिम-11 का हिस्सा नहीं थे. लेकिन अब, इस नियम से वह ऐसी स्थिति में मैदान पर आ सकते हैं और बड़े शॉट लगाकर मैच बदल सकते हैं."
उन्होंने कहा, "इसी तरह आपको आखिरी ओवर में अगर आपको छह रन बचाने हैं और आपके पास जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी डग-आउट में बैठा है. तो कप्तान क्या करेगा? वह बुमराह को 19वां ओवर खत्म होने के बाद लेकर आएगा और फिर आप जानते ही हैं. इस नियम में मैच को बदलने का दम है."
आईपीएल की गर्विनंग काउंसिल की बैठक में इस नियम के अलावा सदस्य 2019 आईपीएल की समीक्षा करेंगे. साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि आगामी सीजन को और लोकप्रिय कैसे बनाया जाए.
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