![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
BCCI को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं गांगुली और जय शाह
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बड़ी राहत दी है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है.
![BCCI को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं गांगुली और जय शाह BCCI relief from Supreme Court, Ganguly and Shah can remain in their post for the next three years BCCI को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं गांगुली और जय शाह](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/a0945c236b35dfbccbe1553d5b9686fb1663152384533143_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Supreme Court give Big Relief to BCCI: बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद अब सौरव गांगुली अगले तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रह सकते हैं. इसके अलावा जय शाह का भी अगले तीन साल तक बीसीसीआई सचिव बने रहना तय है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के सविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी संविधान में बदलाव करने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को बड़ी राहत दी है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली अगले तीन तक बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं. वहीं सौरव गांगुली के अलावा बीसीसीआई के सचिव जय शाह भी बीसीसीआई के सचिव के पद पर अगले तीन तक काबिज रह सकते हैं.
सौरव गांगुली और जय शाह की नहीं जाएगी कुर्सी
सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह को भी बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है. अब इसके बाद सौरव गांगुली अब अगले तीन साल तक बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं. वहीं जय शाह भी अपने पद पर अगले तीन के लिए बने रह सकते हैं.
मंगलवार को BCCI ने रखी थी यह दलील
BCCI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच के सामने दलील दी, 'वर्तमान संविधान में कूलिंग ऑफ पीरियड का प्रावधान है. अगर मैं एक कार्यकाल के लिए राज्य क्रिकेट संघ और लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई का पदाधिकारी हूं, तो मुझे कूलिंग ऑफ अवधि से गुजरना होगा. दोनों निकाय अलग हैं और उनके नियम भी अलग हैं और जमीनी स्तर पर नेतृत्व तैयार करने के लिए पदाधिकारी के लगातार दो कार्यकाल बहुत कम हैं.
यह भी पढ़ें:
Legends League Cricket: मैदान पर बल्ले से धमाका करने के लिए सहवाग ने शुरू की प्रैक्टिस, देखें वीडियो
Shoaib Akhtar की भविष्यवाणी, बताया किस दिन T20I से संन्यास लेंगे विराट कोहली
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![सत्येंद्र प्रताप सिंह](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/f03ee59d866d8c73249c67ff0940eceb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)