कोलकाता: बीसीसीआई की सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली तकनीकि समिति ने रणजी ट्रॉफी के लीग दौर में होम-अवे फॉर्मेट को फिर से बहाल करने का फैसला किया है. बीसीसीआई ने पिछले साल रणजी ट्रॉफी 2016-17 सत्र में तटस्थ स्थलों पर आयोजित करने का फैसला किया था. कई टीमों ने बीसीसीआई से शिकायत की थी कि घरेलू टीमें अपने हिसाब के पिचें बनाती हैं, इस पर बीसीसीआई ने तटस्थ स्थलों पर मैच कराने का फैसला किया था.


घरेलू टीम के कई कप्तानों ने इसी साल की शुरुआत में मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में तटस्थ स्थलों पर मैच कराने के प्रारूप पर अपनी निराशा जताई थी.


बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, "रणजी ट्रॉफी में इस बार बदलाव होंगे. सभी मैच होम-अवे प्रारुप में खेले जाएंगे जैसे की दो सत्र पहले खेले जाते थे. नॉक आउट मैच हालांकि तटस्थ स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे."


उन्होंने बताया, "समिति ने फैसला किया है कि जूनियर क्रिकेट में, होम-अवे प्रारूप जारी रहेगा और नॉक आउट मैच दोबारा तटस्थ स्थानों पर खेले जाएंगे." चौधरी ने कहा, "पिछले साल छत्तीसगढ़ के आने से रणजी ट्रॉफी में कुल टीमों की संख्या 28 हो गई है. इसलिए रणजी ट्रॉफी के तीन ग्रुप में 9,9,10 टीमें होती हैं."


उन्होंने कहा, "अब 28 टीमों को चार ग्रुप में बांटा जाएगा. ग्रुप की शीर्ष दो टीमें क्वालीफायर राउंड में जाएंगी." उन्होंने कहा, "दुलीप ट्रॉफी गुलाबी गेंद से ही खेली जाएगी और उसके अधिकतर मैच दिन-रात प्रारूप में होंगे."


गांगुली ने कहा, "रणजी ट्रॉफी का आगामी सत्र पुराने प्रारूप के तहत छह अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है. टीमें भी यही चाहती थीं और हम भी यही चाहते थे."