भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच ही खेल को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश शुरू कर दी है. क्रिकेट की दोबारा बहाली के लिए बोर्ड ने सभी राज्यों को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है. एसओपी से राज्यों के क्रिकेट संघों को दोबारा खेल को शुरू करने में मदद मिलेगी. हालांकि ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों का सहमति फॉर्म पर साइन करना जरूरी होगा. एसओपी में यह भी साफ है कि 60 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा नहीं बन सकता.


बीसीसीआई के आदेश के बाद दो रणजी टीमों बड़ौदा और बंगाल की रणजी टीमों को अपने कोच की सेवाएं नहीं मिलेंगी. बंगाल के कोच अरुण लाल की उम्र 65 साल है, जबकि बड़ौदा के कोच डेव वॉटमोर 66 साल के हैं. वॉटमोर को अप्रैल में बड़ौदा का कोच नियुक्त किया गया. वहीं अरुण लाल की अगुवाई में बंगाल की टीम रणजी ट्रॉफी के 2019-20 के सीजन में फाइनल का सफर तय करने में कामयाब रही.


खिलाड़ियों को करना होगा साइन


बीसीसीआई ने अपने एसओपी में साफ किया है कि सपोर्ट स्टाफ, अंपायर और ग्राउंड स्टाफ में जिस भी व्यक्ति की उम्र 60 साल से ज्यादा है वह ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं बन सकता. चूंकि ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वायरस का खतरा अधिक है इसलिए बीसीसीआई कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है.


ट्रेनिंग में हिस्सा लेने के लिए खिलाड़ियों से जिस सहमति पत्र पर साइन करवाया जा रहा है उसमें कोविड 19 के प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई है. इसके साथ ही यह भी क्लियर किया गया है कि ट्रेनिंग में हिस्सा लेने की इच्छा खिलाड़ियों की है, क्योंकि सावधानी के बावजूद कोई भी एसोसिएशन 100 फीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकती है.


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