भारतीय क्रिकेट बोर्ड जल्द ही अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बड़े बदलाव कर सकता है. बीसीसीआई के नए नियम टीम इंडिया के लिए सिर्फ ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए कम से कम 10 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच खेलने वाले खिलाड़ी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया जा सकता है.


अभी तक बीसीसीआई सिर्फ वनडे और टेस्ट मैच के आधार पर ही सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए खिलाड़ियों का चयन करता है. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए किसी भी खिलाड़ी का 7 वनडे या फिर तीन टेस्ट खेलना जरूरी है. लेकिन अब 10 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है.


बीसीसीआई हालांकि पहले ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में प्राथमिकता देने से इंकार कर चुका है. लेकिन पिछले सीजन में बीसीसीआई ने वाशिंगटन सुंदर को ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट में लगातार बेहतर प्रदर्शन का इनाम दिया और उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट में शामिल किया गया.


इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से दावा किया, ''बोर्ड ने सेंट्रल कॉनट्रैक्ट को लेकर अपने पुराने नियमों में बदलाव का फैसला किया है. एक साल में कम से कम 10 ट्वेंटी-ट्वेंटी खेलने वाले खिलाड़ी को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है.''


बता दें कि बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर चार कैटेगरी बना रखी हैं. A प्लस कैटेगरी वाले खिलाड़ियों को 7 करोड़ रुपये मिलते हैं, जबकि A कैटेगरी के खिलाड़ियों को सलाना 5 करोड़ रुपये मिलते हैं. B कैटेगरी के खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपये और C कैटेगरी के खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये सलाना दिए जाते हैं.


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