Dexa Test: नए साल के दिन यानी 1 जनवरी, 2023 को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रिव्यू मीटिंग की. इस मीटिंग में बोर्ड की तरफ से टीम को लेकर कई अमह फैसले लिए गए. इसमें खिलाड़ियों की चोट को लेकर खास बातचीत हुई. खिलाड़ियों की चोटों को मद्दे नज़र रखते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि अब खिलाड़ियों का चयन सिर्फ यो-यो टेस्ट के ज़रिए नहीं होगा बल्कि खिलाड़ियों को DEXA टेस्ट से भी गुज़रना होगा. आइए जानते हैं कि क्या होता है यह Dexa टेस्ट और कैसे यह टीम के लिए फायदेमंद साबित होगा.
इस तरह होता है DEXA टेस्ट
यह एक एक्स रे जैसा टेस्ट है. इस टेस्ट के इस्तेमाल से खिलाड़ियों की हड्डियों की मज़बूती को नापा जाता है. इसमें एक्स रे तकनीक का उपयोग किया जाता है. यह टेस्ट हड्डियों में होनों वाले संभावित फैक्चर को पहले से ही बता सकता है. इसको बोन डेंसिटी टेस्ट भी कहा जाता है. यह एक अलग प्रकार का एक्स रे होता है. इस टेस्ट में दो तरह की बीम बनती है, जिसमें एक ज़्यादा शक्तिशाली होती है और दूसरी की शक्ति कम होती है. ये दोनों बीम हड्डियों के अंदर जाकर एक्स रे करती हैं. इसमें यह भी देखा जाता है कि हड्डी की मोटाई कितनी है. इसमें दोनों बीमों के ज़रिए बनाए गए एक्स रे के हिसाब से डॉक्टर बोन डेंसिटी मापता है. इससे खिलाड़ियों के बारे ज़्यादा जानकारी मिल सकेगी.
कप्तान-कोच के अलावा ये थे मीटिंग का हिस्सा
इस रिव्यू मीटिंग में टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के अलावा बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, पूर्व चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा और एनसीए के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण मौजूद थे. इस समीक्षा बैठक में टीम और खिलाड़ियों को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसमें खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट, मौजूदगी और फिटनेस को लेकर बात हुई.
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