भारतीय क्रिकेट के 87 सालों के इतिहास में कई महान खिलाड़ी हुए हैं. इन क्रिकेटरों ने अपने खेल से कई ऐसे आयाम छुए हैं जहां तक आज भी कोई नहीं पहुंच पाया है. भारत के लिए ऐसे ही एक क्रिकेटर हुए लाला अमरनाथ, जिनकी आज 108वीं जयंती है.


लाला अमरनाथ का पंजाब प्रांत के कपुरथला में 11 सिंतबर 1911 को हुआ था. 22 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू करने वाले लाला अमरनाथ ने अपने पहले ही मैच में इतिहास रच दिया.

इंग्लैंड के खिलाफ 17 दिसंबर 1933 को खेले गए इस मैच में लाला अमरनाथ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने. इस मुकाबले में लाला अमरनाथ ने 118 रनों की शानदार पारी खेली थी. उस समय यह मुकाबला तत्कालीन बंबई के जिमखाना ग्राउंड पर खेला गया था.

हालांकि, भारत उस टेस्ट को चौथे ही दिन लंच के बाद 9 विकेट से हार गया था, लेकिन लाला अमरनाथ का वह शतक भारत की अभूतपूर्व उपलब्धि रही. जब भी क्रिकेट के इतिहास का जिक्र छिड़ता है, लाला अमरनाथ की उस सुनहरी पारी की यादें ज़िंदा हो उठती हैं.

लाला अमरनाथ का शतक उनके करियर का एकमात्र शतक साबित हुआ. लाला ने अपने करियर के दौरान कुल 24 टेस्ट मैच खेले और 878 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में उनके पहले शतक अलावा उनकी गेंदबाजी के लिए भी उन्हें खूब याद किया जाता है.

लाला अमरनाथ बेहद ही सटीक लाइन लेंथ से गेंदबाजी करते थे, वह भारत के पहले गेंदबाज थे जिन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन को हिटविकेट करने का कारनामा किया है. 1947 में अमरनाथ ने ब्रिसबेन टेस्ट के दौरान ब्रैडमैन को हिटविकेट किया था.

टेस्ट क्रिकेट में लाला अमरनाथ ने कुल 45 विकेट भी चटकाए.

इसके साथ ही उन्होंने 186 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच में भारत के लिए 41.37 की औसत से 10426 रन बनाए. इंटरनेशनल क्रिकेट में भले ही उनके नाम सिर्फ एक शतक हो लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 31 शतक और 39 अर्द्धशतक जमाए. इसके साथ ही इस श्रेणी में उन्होंने 463 विकेट भी अपने नाम किए.

लाला अमरनाथ ने अपने क्रिकेट करियर से भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अनेक सुनहरे पल जोड़े, इसके साथ ही उन्होंने अपनी आने वाली पीढ़ी को भी विरासत के तौर पर क्रिकेट का तोहफा दिया. उनके दोनों बेटे सुरिंदर और मोहिंदर अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई अमिट पन्ने जोड़े. दोनों बेटों ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया.

आपको बता दें कि लाला अमरनाथ की कप्तानी में ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पहली ऑफिशयल टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी जो 1952-53 में खेली गई थी. उनका टेस्ट करियर 19 साल (1933-1952) का रहा. भारत के इस महान क्रिकेटर का निधन 5 अगस्त 2000 को 88 साल की उम्र में हुआ.