भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की गुज़ारिश के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड टेस्ट सीरीज़ से पहले एक अभ्यास मैच आयोजित करने के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, टीम इंडिया पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ से पहले तीन दिनों का एक वॉर्म-अप मैच खेलेगी. यह मैच 20 से 22 जुलाई के बीच कराया जा सकता है. 


भारतीय टीम चार अगस्त से नॉटिघंम में पहला टेस्ट खेलेगी. वो इससे पहले ‘सलेक्ट काउंटी एकादश’ के खिलाफ तीन दिनों का अभ्यास मैच खेल सकती है, जिसे प्रथम श्रेणी का दर्जा दिया जा सकता है. ‘सलेक्ट काउंटी एकादश’ को पहले ‘संयुक्त काउंटी’ के नाम से जाना जाता था. 


ईसीबी के प्रवक्ता ने कहा, "भारतीय पुरूष टेस्ट टीम की पांच मैचों की ‘एलवी इंश्योरेंस’ टेस्ट सीरीज़ की तैयारियों के लिये ‘काउंटी सलेक्ट एकादश’ के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच खेलने के बीसीसीआई के अनुरोध से हम अच्छी तरह वाकिफ हैं. हम कोविड-19 प्रोटोकॉल और अन्य तैयारियों पर काम कर रहे हैं ताकि यह अभ्यास मैच सुनिश्चित करा सकें जिसके बारे में हम आने वाले समय में पुष्टि करेंगे."


यह पूछने पर कि अभ्यास मैच के लिये प्रतिद्वंद्वी टीम कितनी मजबूत होगी. क्योंकि ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट 23 जुलाई से शुरू हो रहा है तो प्रवक्ता ने कहा, "इसमें वही खिलाड़ी होंगे जो ‘द हंड्रेड’ में नहीं खेलेंगे और हम उपलब्ध खिलाड़ियों में से मजबूत टीम का चयन करना चाहेंगे."


गौरतलब है कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में इतनी तैयार नहीं दिख रही थी, क्योंकि उसने इसकी तैयारियों के लिये टीम के अंदर ही दो टीमें बनाकर महज एक अभ्यास मैच खेला था, जिसके बाद क्रिकेट विशेषज्ञ जैसे सुनील गावस्कर और एलिस्टेयर कुक को लगा था कि इतने बड़े मुकाबले के लिये यह काफी नहीं था. 


यहां तक कि कप्तान विराट कोहली ने फाइनल गंवाने के बाद नाराजगी जाहिर की थी कि उन्हें प्रथम श्रेणी मैच खेलने को नहीं दिया गया था और बीसीसीआई ने ईसीबी से अभ्यास मैच का अनुरोध किया था. भारतीय टीम प्रबंधन समझ गया कि कम से कम एक प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ उचित प्रथम श्रेणी या अभ्यास मैच के बिना तैयारी संभव नहीं है.