सचिन ने अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, "एक इंसान किसी शख्स को सिखाने के लिए प्रयास कर सकता है लेकिन यह उस शख्स के चरित्र पर भी निर्भर करता है कि वह क्या सीखता है. नाजुक स्थितियों में इंसान को कुछ चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए और यह नहीं भूलना चाहिए कि पूरा विश्व उसे देख रहा है."
उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि यह ऐसे पल होते हैं जहां नियंत्रित आक्रामकता मदद करती है. खिलाड़ी को आक्रामक होना चाहिए लेकिन बोलना और गलत भाषा का उपयोग करने का मतलब आक्रामकता नहीं है. आक्रामकता आपके खेल में होनी चाहिए. आप किस तरह से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते हो आक्रामकता इसमें होनी चाहिए जो टीम को मदद करे न कि उसके खिलाफ जाए."