नई दिल्ली: भारतीय टीम के मुख्य कोच चुने जा चुके रवि शास्त्री के बाद अब गेंदबाजी कोच के तौर पर भरत अरुण को नियुक्त किया जा सकता है. शास्त्री अपने सहयोगी स्टाफ के चयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सीओए को संतुष्ट करने में सफल रहे हैं. ऐसे संकेत मिले हैं कि भरत अरुण को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया जा सकता है. 



शास्त्री ने इसके लिए सीधा सीओए का रुख किया है और इसके लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को नजरअंदाज किया गया है. सीएसी में सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं. इस समिति ने राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरे के बल्लेबाजी कोच और जहीर खान को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की सिफारिश की है.



वेबसाइट क्रिकेटनेक्स्ट ने एक सीनियर बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा है, "सीओए ने शास्त्री को उनके मनमाफिक सहयोगी स्टाफ देना स्वीकार कर लिया है. सीओए मानता है कि कोच को हर समय गेंदबाजी कोच के साथ काम करना होता है और इस कारण दोनों के बीच हर लिहाज से आपसी तालमेल जरूरी है." 



जहीर को गांगुली ने पसंद किया है लेकिन कुछ मसलों को लेकर गांगुली और शास्त्री के बीच के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. अगर सीएसी शास्त्री को मनमाफिक कोचिंग स्टाफ दे देता है तो यह सीएसी और खासकर गांगुली के लिए काफी खराब अनुभव होगा.



सीओए ने शनिवार को कहा था कि द्रविड़ और जहीर के नामों की सिर्फ सिफारिश की गई है. इस संबंध में अंतिम फैसला मुख्य कोच नियुक्त किए गए शास्त्री से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा. 



इसके लिए बीसीसीआई ने एक नई चार सदस्यीय समिति का गठन किया है जो राहुल और जहीर की नियुक्ति पर अंतिम फैसला लेगी. इस समिति में बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के. खन्ना, मानद सचिव अमिताभ चौधरी और सीओए की सदस्य तथा भारतीय महिला टीम की पूर्व खिलाड़ी डायना इडुल्जी का नाम शामिल है. समिति की बैठक के संयोजक बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी हैं. 



गौरतलब है कि मंगलवार को गांगुली, सचिन, लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने शास्त्री को मुख्य कोच नियुक्त करने के साथ ही द्रविड़ को विदेशी दौरों (टेस्ट) पर टीम का बल्लेबाजी सलाहकार और जहीर को गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया था.



शास्त्री अपना अलग सहयोगी स्टाफ चाहते हैं. उन्होंने जहीर की जगह अपने करीबी दोस्त भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की पुरजोर वकालत की है. शास्त्री का कहना है कि जहीर एक अच्छा चयन हैं लेकिन भारतीय टीम को ऐसा कोई व्यक्ति गेंदबाजी कोच के तौर पर नहीं चाहिए, जो सिर्फ 150 दिन का करार चाहता है. उसे तो ऐसा व्यक्ति चाहिए, जो 365 दिन उसके साथ रह सके.