भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि कैसे उन्होंने बल्लेबाजों को परेशान करने का तरीका तलाशा
भुवनेश्वर कुमार ने हाल ही के सालों में अपनी सफलता का राज खोला है. भुवी का कहना है कि उन्हें अपने करियर के शुरुआती सालों गेंदबाजी में स्पीड बढ़ाने के महत्व के बारे में जानकारी नहीं थी.
टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार हाल ही इंग्लैंड के खिलाफ लिमिटिड ओवर्स सीरीज में सफल वापसी करने में कामयाब रहे. श्रीलंका के खिलाफ जुलाई में खेले जाने वाली सीरीज में भुवनेश्वर कुमार का चयन तय माना जा रहा है. भुवनेश्वर कुमार ने कहा है कि अपने करियर के शुरुआती सालों में उन्हें गेंदबाजी में स्पीड जोड़ने की अहमियत का अहसास नहीं था.
भुवी ने बताया है कि अब उन्हें बल्लेबाजों को परेशानी में डालने का तरीका मालूम चल गया है. भुवनेश्वर कुमार आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं. भुवी ने कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो पहले कुछ वर्षों में मुझे ऐसा अहसास नहीं था कि गति में भी कुछ जोड़ना जरूरी है.''
अपने करियर की शुरुआत में भुवी थोड़ी स्लो स्पीड से गेंदबाजी करते थे. उन्होंने कहा, ''मैंने खेलना जारी रखा और तब मुझे अहसास हुआ कि स्विंग के साथ मुझे अपनी गति में भी सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि 130 किमी प्रति घंटे या उससे कम की रफ्तार से गेंदबाजी करने से बल्लेबाज स्विंग से तालमेल बिठा दे रहे थे. इसलिए मैं गति बढ़ाना चाहता था लेकिन नहीं जानता था कि ऐसा कैसे करना है.''
भुवी ने ऐसे किया सुधार
भुवनेश्वर कुमार ने अब तक 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 117 वनडे में 138 विकेट और 48 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 45 विकेट लिये हैं. तेज गेंदबाज ने कहा, ''मैं अपनी गति में सुधार करने में सफल रहा और इससे वास्तव में मुझे काफी मदद मिली. इसलिए यदि आप 140 किमी से अधिक रफ्तार से नहीं लेकिन 135 किमी के आसपास की रफ्तार से भी गेंदबाजी करते हो तो इससे स्विंग बरकरार रखने और बल्लेबाज को परेशानी में डालने में मदद मिलती है.''
बता दें कि भुवनेश्वर कुमार पिछले कुछ सालों में चोटों से जूझते रहे हैं. भुवनेश्वर कुमार को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिये टीम में नहीं चुना गया है.
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