Neeraj Chopra: भारत करेगा बहुत बड़े जेवलिन थ्रो इवेंट की मेजबानी, नीरज चोपड़ा फिर धमाल मचाने को तैयार
Neeraj Chopra Javelin Throw: नीरज चोपड़ा की टोक्यो और फिर पेरिस ओलंपिक्स में सफलता के बाद भारत में जेवलिन थ्रो की एक लहर आ गई है.
India Host Javelin Throw Event 2025: भारत में खेलों का एक नया युग शुरू होने जा रहा है. भारत ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी का लक्ष्य बनाया हुआ है. इस बीच देश में बड़े जेवलिन थ्रो कम्पटीशन का एलान अवश्य ही एथलीटों को रोमांच की अनुभूति करवा रहा होगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई अनुसार एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) इसी साल आगे चलकर भारत में बड़े स्टार एथलीटों से सुसज्जित एक जेवलिन थ्रो कम्पटीशन करवाएगा, जिसमें नीरज चोपड़ा भी भाग लेते नजर आएंगे.
पेरिस ओलंपिक्स 2024 की जेवलिन थ्रो स्पर्धा में में सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने इच्छा जताई थी कि वो भारत में अंतर्राष्ट्रीय एथलीटों के साथ कम्पटीशन करना चाहते हैं. नीरज ने कहा, "यह मेरा सपना है कि मैं भारत में इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ कम्पटीशन करूं. उम्मीद है कि जल्द ही भारत किसी इंटरनेशनल इवेंट की मेजबानी करे और मैं उसका हिस्सा बन सकूं." शायद नीरज का यह सपना आ अभी पूरा ना हो पाए, लेकिन भारत में अलग से जेवलिन थ्रो कम्पटीशन का कार्यक्रम उस ओर बढ़ाए गए कदम के रूप में देखा जा सकता है.
India will host a star-studded global javelin competition, to be headlined by Neeraj Chopra, later this year: Athletics Federation of India pic.twitter.com/bgrP4GN7o8
— Press Trust of India (@PTI_News) January 7, 2025
लगातार दूसरे गोल्ड से चूके थे नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में 87.58 मीटर की दूरी तय कर जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. वहीं जब पेरिस ओलंपिक्स की बाती आई तो नीरज ने पहले से कहीं ज्यादा दूरी तय की, लेकिन इस बार उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. इस बार उन्हें हराने वाले कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान के अरशद नदीम थे.
पेरिस ओलंपिक्स के जेवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर दूर भाला फेंका था. मगर वो अरशद नदीम के 92.97 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाए. इस कारण उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था. मगर उन्होंने इतिहास जरूर रच दिया था और उससे भी अहम बात ये है कि नीरज की दो ओलंपिक खेलों में इस सफलता से भारत के युवाओं में एथलेटिक्स में आने की लहर छा गई है.
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