बिहार रणजी में वापस: लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार बिहार क्रिकेट के लिए खुशी की खबर आई. बिहार की क्रिकेट टीम अब रणजी ट्रॉफी और दूसरे टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकेगी. 17 साल से बिहार इस लड़ाई को लड़ रहा था.



सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ये साफ किया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन रणजी के लिए टीम भेज सकता है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि क्रिकेट के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. इससे पहले बिहार की टीम को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं थी.
पीठ ने कहा, ‘‘क्रिकेट के हित को देखते हुए यह आदेश पारित किया गया है.’’

साल 2000 में झारखंड के गठन के बाद बीसीसीआई ने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दे दी थी. इस वजह से 17 साल से बिहार की टीम घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट से बाहर थी.

बीसीसीआई ने अब एक राज्य एक बोर्ड नीति के तहत बिहार क्रिकेट एसोसिएशन(BCA) को मान्यता दी है. हालांकि, ये लड़ाई BCA के प्रतिद्वंद्वी संगठन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (CAB) के आदित्य वर्मा ने लड़ी. लेकिन आज कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए BCA को फिलहाल राज्य में क्रिकेट चलाने का ज़िम्मा दिया.