#BirthdaySpecial: जब मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से मना करने पर टीम से बाहर हुए दादा, जानिए गांगुली की दादागिरी के अनसुने किस्से
'प्रिंस ऑफ कलकत्ता', 'ऑफ साइड के भगवान' और 'दादा' के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने भारत के लिए 11 जनवरी, 1992 को अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था.
![#BirthdaySpecial: जब मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से मना करने पर टीम से बाहर हुए दादा, जानिए गांगुली की दादागिरी के अनसुने किस्से #Birthday Special: When Dada was out of the team due to not carrying drinks on the field, know the untold stories tales of Sourav Ganguly #BirthdaySpecial: जब मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से मना करने पर टीम से बाहर हुए दादा, जानिए गांगुली की दादागिरी के अनसुने किस्से](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/08/3ae61f2c1c2e7434d7349119ce65af4c_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sourav Ganguly Birthday: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज 49 साल के हो गए हैं. वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में होती है. सौरव गांगुली को भारत में ऐसे कप्तान के तौर पर देखा जाता है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को फिक्सिंग के जाल से निकालकर नई टीम इंडिया की इबारत लिखी. इसके साथ ही गांगुली को उनकी दादागिरी के लिए भी जाना जाता है.
'प्रिंस ऑफ कलकत्ता', 'ऑफ साइड के भगवान' और 'दादा' के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने भारत के लिए 11 जनवरी, 1992 को अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था. उन्होंने लॉर्ड्स में अपने डेब्यू टेस्ट में शतक भी जड़ा. गांगुली ने 146 वनडे और 49 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कमान संभाली. सौरव गांगुली की कप्तान में भारतीय टीम 76 वनडे और 21 टेस्ट मैच जीतने में कामयाब रही, जबकि 15 टेस्ट ड्रॉ हुए. सौरव गांगुली ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर ना सिर्फ ऐतिहासिक जीत दिलाई बल्कि विदेशी जमीन पर भी टीम इंडिया को मुकाबले जीतने की आदत डाली.
सौरव गांगुली का जन्म 08 जुलाई, 1972 को कोलकाता में हुआ था. शुरुआत में दादा फुटबॉल में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन बड़े भाई के क्रिकेटर होने की वजह से उन्होंने भी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. आज दादा के जन्मदिन पर हम आपको उनकी दादागिरी के कुछ अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं.
1- "मैं तब तक रूम से बाहर नहीं जाऊंगा जब तक हरभजन टीम में नहीं आएगा."
यह बात साल 2001 की है. उस समय दादा नए नए बने कप्तान थे. लेकिन उनकी दादागिरी कोई नई नहीं थी. बात बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम चुनी जानी थी. दादा ने कहा कि उन्हें टीम में हरभजन सिंह चाहिए, लेकिन चयनकर्ता उनकी बात से सहमत नहीं थे. दरअसल, चयनकर्ताओं को भज्जी में वो बात नहीं दिख रही थी, लेकिन दादा अड़ गए. उन्होंने साफ साफ कह दिया कि मैं तब तक रूम से बाहर नहीं जाऊंगा जब तक हरभजन टीम में नहीं आएगा.
इसके बाद सेलेक्टर्स को झुकना पड़ा और भज्जी टीम में आ गए. हरभजन ने उस मैच में रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को आउट कर हैट्रिक ली. उन्होंने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में छह विकेट लिए. इसके आगे की कहानी इतिहास में दर्ज है.
2- जब ड्रिंक्स न ले जाने कारण टीम से बाहर हुए दादा
यह बात तब की है जब दादा टीम में नए नए आए थे. उनसे सीनियर खिलाड़ी के लिए मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने के लिए कहा गया. लेकिन दादा ने ऐसा करने से मना कर दिया. कई रिपोर्ट में कहा गया कि दादा को उन्हें आदेश देना का अंदाज़ पसंद नहीं आया और इसीलिए उन्होंने मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद दादा को टीम से बाहर कर दिया गया.
3- फिल्मी अंदाज़ में की शादी
बहुत कम लोग ही जानते हैं कि दादा ने अपनी गर्लफ्रेंड डोना रॉय से भाग कर शादी की थी. दरअसल, पहले दोनों के घर वाले इस शादी के लिए मान नहीं रहे थे. इसके बाद दादा और डोना ने घर से भागकर शादी करने का फैसला लिया. हालांकि, बाद में उनके घर वाले मान गए और 21 फरवरी 1997 को औपचारिक रूप से सौरव गांगुली और डोना रॉय का विवाह हुआ.
4- इस तरह लेफ्टी बल्लेबाज़ बने दादा
सौरव गांगुली बल्लेबाज़ी के अलावा अपने सभी काम राइट हैंड से ही करते हैं. गेंदबाजी, लिखना और लगभग सबकुछ वह सीधे हाथ से ही करते हैं. लेकिन उन्होंने लेफ्ट हैंड से बल्लेबाज़ी करना सीखा, जिससे वह अपने भाई स्नेहाशीष गांगुली की क्रिकेट किट का इस्तेमाल कर सकें.
5- टीशर्ट उतारकर इंग्लैंड को दिया जवाब
सौरव गांगुली का नाम सुनते ही हर भारतीय के ज़ेहन में लॉर्ड्स की बालकनी पर उनकी टीशर्ट उतारने की तस्वीर आ जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया था. दरअसल, मुंबई के वानखेड़े में इंग्लैंड को जीत दिलाने के बाद ऑलराउंडर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने मैदान पर ही अपनी टीशर्ट उतारी थी. इसका जवाब देते हुए दादा ने लॉर्ड्स में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद टीशर्ट उतारकर अपनी खुशी का इज़हार किया.
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