नई दिल्ली/कोलंबो: भारत और बांग्लादेश के बीच आज फाइनल की टक्कर होने जा रही है, लेकिन शुक्रवार को खेले गए बांग्लादेश-श्रीलंका मुकाबले की घटना अब भी क्रिकेटप्रेमियों के ज़हन में ताज़ा है. अंतिम ओवर में अंपायर्स के खिलाफ जाते हुए बांग्लादेशी कप्तान और खिलाड़ियों ने जो रूख अपनाया उस पर आईसीसी ने कार्रवाई भी की है.


ऐसी ही एक घटना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी दर्ज है. जब टीम इंडिया के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भी भारतीय टीम को मैच के बीच ही मैदान से बाहर बुला लिया था.


1978 की वो पूरी कहानी:
साल 1978 में भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई जहां पर भारत ने तीन टेस्ट और तीन वनडे मुकाबले खेले. बिशन सिंह बेदी की अगुवाई में पाकिस्तान की सरज़मीं पर खेलने उतरी टीम इंडिया इस दौरे पर कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी. भारतीय टीम ने 2-0 से टेस्ट सीरीज़ गंवाई. जबकि 2-1 से वनडे सीरीज़ भी खो दी.


लेकिन इस सीरीज़ के अंतिम वनडे मुकाबले में जो हुआ वो बिल्कुल बांग्लादेश और श्रीलंका मुकाबले जैसा था. इस मुकाबले में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 40 ओवर के मुकाबले में 205/7 रन बनाए.


जिसके जवाब में भारत बल्लेबाज़ी के लिए उतरा और उसने 37.4 ओवरों में 183/2 रन बनाए लिए थे. लेकिन इस दौरान पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ सरफराज़ नवाज़ भारतीय बल्लेबाज़ों को लगातार बाउंसर फेंके जा रहे थे. इतना ही नहीं सरफराज़ की 38वें ओवर की चारों गेंदे बल्लेबाज़ से दूर भी थी. बार-बार ऐसा करने के बाद भी उन्हें मौजूदा अंपायर्स से कोई चेतावनी नहीं दी गई और ना ही उन गेंदों को वाइड करार दिया गया.


इस घटना से भारतीय खेमे खलबली मच गई क्योंकि टीम इंडिया इस वक्त जीत के दरवाज़े पर खड़ी थी और अब उसे जीतने के लिए 14 गेंदों में 23 रनों की ज़रूरत थी. तब ही भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कड़ा रूख इख्तियार करते हुए भारतीय बल्लेबाज़ अंशुमन गायकवाड़(78 रन) और गुंडप्पा विश्वनाथ(8 रन) को मैदान से बाहर बुला लिया.


जिसके बाद पाकिस्तानी टीम को मैच में विजेता घोषित कर दिया गया.