BLOG: विराट जहां खड़े होंगे अब लाइन वहीं से शुरू होगी....
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त के साथ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में उतरने को तैयार है. पिछले दोनों टेस्ट मैचों में प्रदर्शन का फर्क बताता है कि तीसरे मैच में भी पलड़ा भारत का ही भारी रहने वाला है. अगर श्रीलंका की तरफ से कोई करिश्माई और संघर्ष भरा प्रदर्शन नहीं होता तो फिलहाल उसके और भारतीय टीम के प्रदर्शन में बहुत बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है.
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त के साथ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में उतरने को तैयार है. पिछले दोनों टेस्ट मैचों में प्रदर्शन का फर्क बताता है कि तीसरे मैच में भी पलड़ा भारत का ही भारी रहने वाला है. अगर श्रीलंका की तरफ से कोई करिश्माई और संघर्ष भरा प्रदर्शन नहीं होता तो फिलहाल उसके और भारतीय टीम के प्रदर्शन में बहुत बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है.
कोटला का मैदान यूं भी टीम इंडिया के लिए बहुत ‘लकी’ रहा है. पिछले 30 साल से भारतीय टीम कोटला में टेस्ट मैच हारी नहीं है. इन 30 सालों में खेले गए टेस्ट मैचों में 10 टेस्ट मैच भारत ने जीते हैं. दिलचस्प बात ये भी है कि ये मैदान विराट कोहली का घरेलू क्रिकेट मैदान है. ये वही मैदान है जहां विराट कोहली ने टीम इंडिया में आने के सपने पाले. ये वही मैदान है जहां उन्होंने घरेलू क्रिकेट में ऐसी पारियां खेलीं जिसकी बदौलत वो टीम इंडिया में पहुंचे.
ये वही मैदान है जहां सहवाग, गंभीर जैसे खिलाड़ी जब घरेलू क्रिकेट में वापसी करते थे तो विराट कोहली को इंतजार करना पड़ता था लेकिन आज वही मैदान विराट कोहली को दुनिया के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर के मुकाम तक पहुंचा चुका है. क्रिकेट की दुनिया में आज विराट कोहली का अलग ही रसूख है. शनिवार को जब श्रीलंका के खिलाफ वो टॉस के लिए मैदान में उतरेंगे तो निश्चित तौर पर उनकी यादों में बहुत सारे तस्वीरों का एक कोलाज बनेगा.
कोटला के कोहली या कोहली का कोटला
ये भी एक दिलचस्प संयोग है कि विराट कोहली कोटला के मैदान में कई इतिहास रचने की कगार पर हैं. इसमें सबसे पहला इतिहास तो सीरीज जीतने का है. विराट कोहली की अगुवाई में अगर भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीत लेती है तो ये उसकी लगातार नौंवी टेस्ट सीरीज जीत होगी. भारत के किसी भी कप्तान को ये कामयाबी अब तक हासिल नहीं हुई है. महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे कामयाब कप्तान भी लगातार 9 टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाए हैं.
ये कारनामा करने वाले विराट कोहली भारत के पहले और दुनिया के सिर्फ तीसरे कप्तान बन सकते हैं. आधुनिक क्रिकेट में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग हैं जिन्होंने 2005 से 2008 के दौरान नौ सीरीज लगातार जीती थी. ये वही दौर था जिसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का स्वर्णिम दौर माना जाता है. जब एडम गिलक्रिस्ट, शेन वॉर्न, ग्लेन मैग्रा जैसे धुरंधर खिलाड़ियों के दम पर कंगारुओं ने पूरी दुनिया के क्रिकेट पर राज किया. उससे पहले इंग्लैंड के हार्नबी के नाम ये रिकॉर्ड दर्ज तो है लेकिन ये 1884 की बात है. उसके बाद से लेकर आधुनिक क्रिकेट कितनी तेजी से बदली है बताने की जरूरत नहीं.
विराट जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है
एक समय पर अमिताभ बच्चन ने फिल्म में इस डायल़ॉग को बोला था, लेकिन क्रिकेट के खेल में विराट कोहली के हर रोज बढते दबदबे को देखकर ये बात विराट कोहली पर लागू हो रही है. विराट कोहली हर पारी के साथ रिकॉर्ड बुक को बदलते जा रहे हैं. बतौर कप्तान लगातार 9 सीरीज जीत के अलावा भी विराट कोहली एक और कीर्तिमान बनाने की कगार पर है. उन्होंने कोलकाता ने और नागपुर में शतक लगाया था. कोलकाता में जिन परिस्थितियों में उन्होंने शतक लगाया और नागपुर का उनका शतक दोनों बिल्कुल अलग अंदाज में थे. जो उनकी बल्लेबाजी की विविधता और परिपक्वता को दिखाते हैं.
अब अगर कोटला में भी वो शतक लगाते हैं तो लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जड़ने वाले वो पांचवें भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे, लेकिन इस रिकॉर्ड का अगला रिकॉर्ड ये होगा कि बतौर कप्तान लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक ठोंकने वाले वो भारत के पहले कप्तान बन सकते हैं. सोच कर भी ताज्जुब होता है कि सिर्फ 6 साल के टेस्ट करियर में विराट कोहली कितने अनोखे और शानदार मुकाम पर पहुंच चुके हैं.