इस बड़े मैच से पहले टीम इंडिया को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. इस सावधानी को बरतने के पीछे की दो वजहें हैं- पहली स्ट्राइक रेट और दूसरा आईपीएल. वैसे तो आईपीएल में दुनिया की कई टीमों के खिलाड़ी खेलते हैं. लेकिन आईपीएल के इस सीजन में इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया था. ये तीनों खिलाड़ी अब रविवार को भारत के खिलाफ मैदान में उतरेंगे. ये तीन खिलाड़ी हैं- जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो और जॉस बटलर. आईपीएल में लंबा समय भारतीय खिलाड़ियों के साथ बिताने की वजह से इन तीनों ही खिलाड़ियों को एक दूसरे की ताकत और कमजोरी का पता है. आपको याद दिला दें कि 2019 आईपीएल में जॉस बटलर और जोफ्रा आर्चर राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे थे. जबकि बेयरस्टो सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का हिस्सा थे. सावधान रहने की दूसरी वजह यानि बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट पर बात करने से पहले थोड़ी बात पिच पर करना जरूरी है. इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले पिच का मिजाज चौंकाने वाला हो सकता है.


पिच के मिजाज का सही आंकलन है जरूरी

इंग्लैंड के खिलाफ अहम मैच में पिच का सही आंकलन करना बहुत जरूरी है. वैसे तो विश्वकप आईसीसी का इवेंट है इसलिए इंग्लिश टीम अगर चाहे भी तो पिच में कोई बदलाव नहीं कर सकती है. लेकिन होम अडवांटेज तो इंग्लिश टीम के पास रहेगा ही. अपने घरेलू दर्शकों के सामने वो पिच की समझ के मामले में बिना शक भारत से बीस हैं. सारा खेल स्पिन गेंदबाजी का है. ये बहुत हद तक मुमकिन है कि रविवार के मैच में स्पिन गेंदबाजों का रोल बहुत ज्यादा ना हो. टीम इंडिया अभी तक कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के साथ प्लेइंग 11 लेकर उतरी है. विनिंग कॉम्बिनेशन से छेड़छाड़ करने से बच रहे विराट कोहली को इस बात पर नजर रखनी होगी. पिच को लेकर उन्होंने मैच से पहले कहा भी कि वो पिच के बारे में ज्यादा सोचने की बजाए उसके मुताबिक खुद को ढालने की सोचते हैं.

आईपीएल में किया था धमाकेदार प्रदर्शन

पिच के पेंच के बाद खेल इंग्लैंड के बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट का है. 2019 आईपीएल में जॉनी बेयरस्टो ने 10 मैचों में 445 रन बनाए थे. उनकी स्ट्राइक रेट 157.24 थी. उन्होंने 1 शतक और 2 अर्धशतक लगाया था. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के साथ उनकी जोड़ी ही सनराइजर्स हैदराबाद की कामयाबी का राज थी. जैसे ही ये दोनों खिलाड़ी विश्व कप की तैयारियों के लिए आईपीएल से वापस गए टीम बैकफुट पर आ गई. राजस्थान रॉयल्स की टीम के लिए जॉस बटलर का योगदान अहम रहा. उन्होंने 8 मैच में 38.87 की औसत से 311 रन बनाए थे. उनकी स्ट्राइक रेट 151.70 की थी. जोफ्रा आर्चर ने भी आईपीएल में अच्छी गेंदबाजी की थी. जोफ्रा आर्चर ने 11 मैच में 11 विकेट लिया था. उनकी इकॉनमी 6.76 थी.

इन बल्लेबाजों के मुकाबले भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट

ये सच है कि टी-20 के मुकाबले पचास ओवर का खेल बिल्कुल अलग होता है. लेकिन भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट इस विश्व कप में टीम की सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है. मिडिल ओवरों में भारतीय बल्लेबाजों की रन गति बहुत औसत है. सिर्फ दाएं हाथ के बल्लेबाजों के होने की वजह से स्ट्राइक रोटेट करने में भी दिक्कत आ रही है. औसत से औसत स्पिनर भारतीय मिडिल ऑर्डर के कदम बांध दे रहे हैं. इस विश्व कप में भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट आपको बताते हैं. रोहित शर्मा और विराट कोहली ने तो फिर भी सौ के करीब की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. बाकि बल्लेबाजों की रफ्तार सुस्त है. रोहित ने 93.88 और विराट कोहली ने 98.44 की स्ट्राइक रेट से रन बनाया है. उनके अलावा बाकि बल्लेबाजों में केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 71.66, केदार जाधव का 79.06, विजय शंकर का 77.33 और धोनी का स्ट्राइक रेट 83.42 है. इससे उलट इंग्लैंड के बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट जान लीजिए. जेसन रॉय 118.78, मॉर्गन 122.32, बटलर 127. 58, जो रूट 92.70 और बेन स्टोक्स 90.93 की स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं. रन बनाने की गति का यही फर्क है जो रविवार के मैच का नतीजा तय करेगा.