गुरूवार को कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ मिली जीत में एक बार फिर शिखर धवन का बल्ला चला. बांग्लादेश की टीम ने भारत को 140 रन का लक्ष्य दिया था. जवाब में रोहित शर्मा एक बार फिर जल्दी आउट हो गए लेकिन शिखर धवन में मोर्चा संभाला. लक्ष्य कोई मुश्किल नहीं था लेकिन क्रीज पर खड़े होकर धैर्य तो दिखाना ही था. शिखर धवन ने यही काम किया.


रोहित शर्मा के आउट होने के बाद क्रीज पर आए ऋषभ पंत भी जल्दी ही आउट हो गए. शिखर धवन डटे रहे. ऋषभ पंत के जाने के बाद उन्होंने सुरेश रैना के साथ करीब 70 रनों की साझेदारी की. अपना अर्धशतक भी लगाया. शिखर धवन ने 43 गेंद पर 55 रन की पारी खेली. इसमें 5 चौके और 2 छक्के शामिल हैं. शिखर धवन के इस अर्धशतक की बदौलत टीम इंडिया ने बांग्लादेश को आसानी से हरा दिया.


टीम इंडिया के लिए ये जीत इसलिए अहम है क्योंकि पिछले मैच में उसे मेजबान श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. शिखर धवन के टी-20 करियर की ये छठी हाफसेंचुरी है. शिखर धवन की चर्चा इस वक्त इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ समय में उन्होंने गजब की ‘कंसिसटेंसी’ दिखाई है. खेल के तीनों फॉर्मेंट में उन्होंने रन बटोरे हैं. उनकी मौजूदा फॉर्म बताती है कि वो इस वक्त टीम इंडिया की कितनी बड़ी जरूरत हैं. खासतौर पर ऐसे वक्त में जब टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली को आराम दिया गया है और आउट ऑफ फॉर्म चल रहे रोहित शर्मा कप्तानी कर रहे हैं.


धवन ने हर फॉर्मेट में बनाए हैं रन
दक्षिण अफ्रीका में खेली गई सीरीज में पहले टेस्ट मैच के बाद शिखर धवन को बाहर बैठना पड़ा था. उनकी जगह केएल राहुल को शामिल किया गया था. हालांकि कप्तान विराट कोहली के इस फैसले पर ऊंगलियां भी उठी थीं. शिखर धवन इससे पहले वाली सीरीज में दो शतक ठोंक चुके थे. ऐसे में क्रिकेट के जानकारों का मानना था कि अगर टॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा या शिखर धवन में से किसी एक को बाहर बिठाना ही है तो रोहित शर्मा को बाहर बिठाया जाना चाहिए था. 







खैर, टेस्ट सीरीज के बाद वनडे सीरीज के दौरान शिखर धवन शानदार फॉर्म में थे. उनकी फॉर्म का नतीजा रहा कि भारत ने 6 वनडे मैचों की सीरीज 5-1 से जीती. दक्षिण अफ्रीका में शिखर धवन ने वनडे सीरीज में 1 शतक और 2 अर्धशतक लगाए थे. सीरीज के 6 मैचों में उन्होंने टीम इंडिया के लिए विराट कोहली के बाद सबसे ज्यादा रन बटोरे थे. विराट कोहली ने सीरीज में 558 रन बनाए थे, शिखर धवन के खाते में 323 रन थे. शिखर धवन की औसत करीब 65 की थी.


इसके बाद टी-20 सीरीज में उन्होंने टीम इंडिया के लिए 3 मैचों में सबसे ज्यादा 143 रन बनाए. इसमें 1 अर्धशतक भी शामिल था. टी-20 में शिखर धवन की स्ट्राइक रेट भी 150 से ज्यादा की है, जो इस फॉर्मेट में उनकी उपयोगिता को साबित करता है. इसके बाद श्रीलंका में खेली गई ट्राएंगुलर सीरीज के पहले मैच में उन्होंने शानदार 90 रन बनाए और बांग्लादेश के खिलाफ 55 रन.


गब्बर के कैरेक्टर से मैदान में भरते हैं जोश
शिखर धवन इसलिए भी टीम इंडिया की जरूरत हैं क्योंकि वो मैदान में हमेशा सकारात्मक नजर आते हैं. शानदार बल्लेबाजी के अलावा अच्छी फील्डिंग करते हैं. क्रिकेट फैंस में वो खूब लोकप्रिय हैं. उनकी मूंछे चर्चा में रहती हैं. कैच पकड़ने के बाद ताल ठोंकने का उनका अंदाज दर्शकों को खूब भाता है. वो हिंदुस्तानी क्रिकेट की उस पीढ़ी के खिलाड़ी हैं जो विरोधी टीम के बड़े से बड़े दिग्गज खिलाड़ी से घबराता नहीं. उनकी आंख में आंख डालकर खेलता है. जिसे मैदान में अपने शॉट्स खेलने में मजा आता है. जो ‘स्ट्रोक-प्लेयर’ है. जिसे तेज पिच पर बल्लेबाजी करना पसंद है. 







ये काबिलियतें बताती हैं कि अगले साल होने वाले विश्व कप में शिखर धवन टीम इंडिया के लिए बड़ा रोल निभाएंगे. हाल ही में बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए जिस सालाना करार का ऐलान किया है उसमें उन्हें ए प्लस ग्रेड में जगह दी गई है. जिसमें उनके अलावा विराट, रोहित, बुमराह और भुवी ही शामिल हैं. जाहिर है बोर्ड शिखर धवन की काबिलियत को अच्छी तरह समझ रहा है.