जोशीले खिलाड़ियों से भरी दिल्ली की टीम शुक्रवार को चेन्नई के सामने थी. चेन्नई की टीम पर दबाव इसलिए था क्योंकि प्लेऑफ के पिछले मैच में वो मुंबई इंडियंस के खिलाफ एक औसत टीम की तरह प्रदर्शन कर हार चुकी थी. चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर दिल्ली की टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया. दिल्ली की टीम में शिखर धवन, पृथ्वी शाव, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज थे. मैच शुरू होने से पहले ही ये बात कही जा रही थी कि इस मैच में स्पिनर्स का रोल अहम रहने वाला है. दोनों टीमों की तरफ से मिलाकर पांच स्पिन गेंदबाज मैदान में थे.
चेन्नई की तरफ से हरभजन सिंह, इमरान ताहिर और रवींद्र जडेजा और दिल्ली की तरफ से अमित मिश्रा और अक्षर पटेल. धोनी ने गेंदबाजी के लिए चौथे ही ओवर में हरभजन सिंह को याद किया. इसके पीछे की वजह थी इस सीजन में हरभजन सिंह का कमाल का प्रर्दशन. हरभजन सिंह ने पहले ओवर में सात रन दिए. दूसरे ओवर में जब भज्जी आए तो उन्होंने कप्तान के भरोसे को जायज ठहराते हुए अपनी दूसरी ही गेंद पर शिखर धवन को पवेलियन भेज दिया. इसके बाद हरभजन सिंह पारी के आखिरी ओवरों में गेंदबाजी करने के लिए आए. रदरफोर्ड आक्रामक हो रहे थे. उन्होंने भज्जी को एक छक्का लगाया. लेकिन उसी ओवर में भज्जी ने उन्हें भी पवेलियन का रास्ता दिखाकर हिसाब बराबर कर लिया. भज्जी ने 4 ओवर में 31 रन देकर 2 विकेट लिए. हरभजन सिंह ने अपने आईपीएल करियर में 150 विकेट भी पूरे कर लिए हैं.
इस सीजन में भज्जी ने की कमाल की गेंदबाजी इस सीजन में हरभजन सिंह 10 मैचों में 16 विकेट ले चुके हैं. उनका इकॉनमी रेट 7.12 का है. यानी विकेट लेने के साथ साथ उन्होंने किफायती गेंदबाजी की है. सीजन के पहले ही मैच में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ शानदार गेंदबाजी कर बता दिया था कि ये सीजन उनके नाम रहने वाला है. भज्जी लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं. घरेलू क्रिकेट में भी वो कभी कभार ही दिखते हैं. ऐसे में आईपीएल के इस सीजन में उनके प्रदर्शन ने उनके बड़े से बड़े आलोचक का मुंह बंद करा दिया है.
भज्जी के ये 16 विकेट इसलिए बेशकीमती हैं क्योंकि उन्होंने ज्यादातर बड़े खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा है. हरभजन सिंह के शिकार हुए बल्लेबाजों में विराट कोहली, एबी डीविलियर्स, मोइन अली, क्रिस गेल, मयंक अग्रवाल, सुनील नरेन, डेविड वॉर्नर, जॉनी बेयरस्टो, केएल राहुल, शिखर धवन जैसे बल्लेबाज शामिल हैं. यानी हरभजन सिंह ने विरोधी टीमों के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को आउट किया.
अनुभव और चतुराई ने दिलाई कामयाबी भज्जी ने इस सीजन में अपने अनुभव का पूरा फायदा उठाया. उनकी गेंदबाजी में रफ्तार का जबरदस्त ‘वेरिएशन’ देखने को मिला. उन्होंने धीमी विकेटों का पूरा फायदा उठाया. मैच की जरूरत के हिसाब से गेंदबाजी की. यानी जब रनों पर लगाम लगानी थी तो रनों पर लगाम लगाई और जब टीम को विकेटों की जरूरत थी तो ये सोचकर गेंदबाजी की कि रन पड़ें तो पड़ें लेकिन टीम के लिए विकेट लेनी है. यही वजह है कि भज्जी ने जब जब गेंद थामी कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गजों ने उनकी तारीफ की.
हरभजन सिंह उन खिलाड़ियों में से हैं जो अब नियमित तौर पर मैदान में बस आईपीएल में ही नजर आते हैं. ऐसे ही खिलाड़ियों में युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा, पीयूष मिश्रा, अमित मिश्रा और यूसुफ पठान जैसे नाम भी शामिल हैं. आईपीएल के इस सीजन के खत्म होते होते इन नामों का भविष्य तो नहीं दिखाई दे रहा है लेकिन हरभजन सिंह ने जिस अंदाज में गेंदबाजी की है उन्होंने महफिल जरूर लूटी है. अब तो उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप की टीम में लाने की आवाज भी उठने लगी है. अभी फाइनल बाकी है. दिलचस्प बात ये है कि फाइनल में भज्जी उस मुंबई के खिलाफ मैदान में उतरेंगे जिस मुंबई के लिए उन्होंने सालों-साल मैच खेले हैं.