यूं तो एशिया कप में भारत का पहला मैच हॉंगकॉंग से है. लेकिन उस मैच में फैंस की दिलचस्पी ना के बराबर ही है. थोड़ा बहुत मजा इसी सूरत में आ सकता है कि अगर भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिले. जिससे दर्शकों को थोड़े चौके-छक्के देखने को मिल जाए. नतीजे के लिहाज से ये हरकोई जानता है कि मैच भारत की झोली में ही आएगा.


इसके बाद पूरी दुनिया में फैले क्रिकेट के शौकीनों को इंतजार है 19 सितंबर का, क्योंकि 19 को भारत और पाकिस्तान का मैच होना है. क्रिकेट के खेल में चाहे जितनी तब्दीलियां आ गई हों भारत-पाकिस्तान का मुकाबला अब भी पुराने ढर्रे पर ही लड़ा जाता है. सदियों से पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मैदान मारने की कोशिश करते हैं और भारतीय बल्लेबाज उन्हें रोकने की. ये लड़ाई पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज फजल महमूद के जमाने से चली आ रही है.


उधर इमरान, सरफराज, वसीम, वकार, शोएब थे. इधर गावस्कर, वेंगसरकर, अमरनाथ, तेंडुलकर और द्रविड़ थे. एक बार फिर भारत पाकिस्तान की टक्कर तेज गेंदबाजी बनाम उनका सामना करने की बल्लेबाजों की ‘स्किल’ में है. पाकिस्तान की टीम इस बार एशिया कप में चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी है. इन चार गेंदबाजों की रफ्तार ही पाकिस्तान के लिए ‘ट्रंपकार्ड’ है.


भारतीय बल्लेबाजों का होगा इम्तिहान


मोहम्मद आमिर, उस्मान खान, फहीम अशरफ और हसन अली. पाकिस्तान के पास ये चार तेज गेंदबाज हैं. इन चारों गेंदबाजों की रफ्तार 145 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा की है. हॉंगकॉग के खिलाफ इन चारों गेंदबाजों ने ढाई रनों के करीब की इकॉनमी से रन दिए और मिलकर 6 विकेट लिए. ये सच है कि हॉंगकॉंग और टीम इंडिया के बैटिंग लाइनअप में जमीन आसमान का फर्क है. लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि टीम इंडिया इस सीरीज में विराट कोहली के बिना मैदान में उतर रही है. उस पर से ज्यादातर भारतीय बल्लेबाज आउट ऑफ ‘टच’ चल रहे हैं.


इंग्लैंड में भारतीय बल्लेबाजी की वजह से ही टीम इंडिया को मुंह की खानी पड़ी. बाएं हाथ के पाकिस्तानी गेंदबाजों ने देखा है कि किस तरह छोटी गेंद भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करती रही हैं. ऐसे में रणनीति इसी बात की है कि टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर पर रफ्तार और उछाल से दबाव बनाने की कोशिश की जाए.
पाकिस्तानी गेंदबाज जानते हैं कि रोहित शर्मा से पार पा लिया तो उनके लिए मैच में भारतीय बल्लेबाजों को रोकना बहुत बड़ी चुनौती नहीं होगा. शिखर धवन लंबे समय से अच्छी और बड़ी पारी के लिए जूझ रहे हैं. टीम इंडिया को विराट कोहली की कमी पक्का खलेगी. विराट कोहली ही टीम के इकलौते ‘इनफॉर्म’ बल्लेबाज थे. पाकिस्तान के खिलाफ हाल फिलहाल के मैचों में भी विराट कोहली के बल्ले से ही रन निकले थे. 







पाकिस्तानी गेंदबाजों को है पिच का बेहतर अंदाजा


पाकिस्तान की टीम ज्यादातर मैच दुबई में ही खेलती है. श्रीलंका की टीम पर लाहौर में हुए हमले के बाद पाकिस्तान में बड़ी अंतर्राष्ट्रीय टीमों का जाना बंद है. ऐसे में दुबई ही पाकिस्तान का ‘होमग्राउंड’ है. पाकिस्तानी गेंदबाजों को दुबई के मैदानों का ‘बिहेवियर’ किसी दूसरी टीम से बेहतर पता है. इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान ने अपने स्पिन गेंदबाजों पर कम ही भरोसा किया है.


आपको याद दिला दें कि पिछली बार जब भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने थीं तो चैंपियंस ट्रॉफी के उस मैच में भारत को 180 रनों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट पर 338 रन बनाए थे. जिसमें फखर जमान का शानदार शतक शामिल था. जवाब में भारतीय टीम 30 ओवर में 158 रन पर ही सिमट गई थी. भारत के सात बल्लेबाजों को पाकिस्तान के फ्रंटलाइन तेज गेंदबाजों ने आउट किया था. जिसमें मोहम्मद आमिर के तीन विकेट, हसन अली के तीन विकेट और जुनैद खान का एक विकेट शामिल है.


पाकिस्तान की टीम करीब साल भर पुराने उस मैच में जीत की कुंजी खोज रही है.