अर्जुन, अब तुम्हें सिर्फ मछली की आंख देखनी है...
अर्जुन तेंडुलकर अंडर-19 टीम के लिए चुने गए तो कई लोगों ने मीन मेख निकालना शुरू कर दिया. क्या क्रिकेट में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी कई बार बेवजह विवाद खड़ा करती है?
ये बात किसी से छुपी नहीं है कि अर्जुन तेंडुलकर सचिन तेंडुलकर के बेटे हैं. वही सचिन तेंडुलकर जो विश्व के महानतम क्रिकेटर्स में शुमार हैं. जिनके नाम क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक के लगभग सभी बड़े रिकॉर्ड्स दर्ज हैं. वही सचिन तेंडुलकर जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा चुका है. वही सचिन तेंडुलकर जो क्रिकेट छोड़ने के बाद भी उतने ही लोकप्रिय हैं जितने पहले थे. विज्ञापन का बाजार उन्हें आज भी हाथों हाथ लेता है. इसमें से किसी भी बात में जरा सी भी नमक-मिर्च नहीं लगाई गई है. नमक मिर्च लगाकर ज्यादती तो 19 साल के अर्जुन तेंडुलकर के साथ हो रही जिन्हें श्रीलंका के खिलाफ अंडर-19 टीम में चुना गया है. पिछले कुछ घंटे में सोशल मीडिया में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि क्या अर्जुन तेंडुलकर को इसलिए टीम में चुन लिया गया क्योंकि वो सचिन तेंडुलकर के बेटे हैं. कुछ साल पहले भी इस तरह की एक बहस छिड़ी थी. जिसे सोशल मीडिया में काफी बल भी मिला था. जाहिर है कि पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया से जुड़ने वाले नए लोग करोड़ो में होंगे इसलिए इस बार भी बहस गर्मागर्म है. यहां तक कि अर्जुन के सेलेक्शन के बाद जब बहस ठंढ़ी नहीं पड़ रही थी तो कॉमेनटेटर हर्षा भोगले तक ने अर्जुन के पक्ष में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए क्रिकेटर अर्जुन तेंडुलकर का सेलेक्शन हुआ है ना कि सचिन तेंडुलकर के बेटे का. उनके इस ट्वीट को अब तक चार हजार से ज्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं जबकि करीब 32 हजार लोगों ने उसे लाइक किया है.
It is not "Sachin's son" who is picked for India U19. It is Arjun Tendulkar, a player in his own right and we must respect that.
— Harsha Bhogle (@bhogleharsha) June 8, 2018
किस आधार पर मिली है अर्जुन को जगह
अर्जुन तेंडुलकर बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी और बल्लेबाजी करते हैं. एक क्रिकेट पत्रकार के तौर पर दर्जनों बार मैंने उन्हें नेट्स में सचिन तेंडुलकर के साथ देखा है. पिछले कुछ सालों में तो उनकी नेट्स में खेलते हुए कई बार फोटो भी पब्लिश हुई है. हाल ही में अर्जुन तेंडुलकर ने स्पिरिट ऑफ क्रिकेट ग्लोबल चैलेंज में हिस्सा लिया था. वहां उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था. उन्होंने रन बनाने के साथ साथ विकेट भी लिए थे. इसमें 27 गेंद पर 48 रन और चार ओवर में चार विकेट का उनका प्रदर्शन शामिल है. इसके अलावा इस साल उन्होंने धर्मशाला में लगे कैंप में भी हिस्सा लिया था. उनके इस प्रदर्शन के आधार पर चयनकर्ताओं ने उन्हें चुना है. श्रीलंका के दौरे पर दो चार दिनों का मैच खेला जाएगा. इसके अलावा 5 वनडे मैच भी खेले जाएंगे. वनडे टीम की कमान आर्यन जुयाल संभाल रहे हैं. जबकि चार दिनों तक चलने वाली मैच के लिए टीम की कप्तानी अनुज रावत करेंगे. ये सीरीज 11 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेली जाएगी. अर्जुन तेंडुलकर के प्रदर्शन पर कई लोगों की पैनी नजर रहेगी. जिसमें चयनकर्ताओं और आलोचकों के साथ साथ सचिन तेंडुलकर भी शामिल होंगे.
सचिन के बड़े कद से हो सकती है अर्जुन को परेशानी
यूं तो तमाम बड़े क्रिकेटर्स हैं जिनके बेटों ने भी देश के लिए क्रिकेट खेला है. ऐसे नामों का लंबा इतिहास है. जाहिर है बड़े खिलाड़ी की औलाद होने का ‘दबाव’ हमेशा खिलाड़ियों पर होता है. भारत के ही एक और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर के साथ भी ऐसा ही हुआ था. सुनील गावस्कर का कद इतना बड़ा था कि लोगों ने रोहन के खेल की समीक्षा करने की बजाए उनके प्रदर्शन को हमेशा पिता के साथ तुलनात्मक अध्ययन में बीता दिया. नतीजा ये हुआ कि रोहन गावस्कर का अंतर्राष्ट्रीय करियर एक साल भी नहीं खींच पाया. रोहन गावस्कर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 18 शतक लगाए हैं. उनके नाम गेंदबाजी में भी कुछ सफलताएं दर्ज हैं. बावजूद इसके उनका करियर लंबा नहीं चला. कुछ ऐसा ही खतरा अर्जुन तेंडुलकर के साथ भी रहेगा. अभी तो उन्हें अंडर-19 टीम में चुने जाने पर इतनी चर्चा हो रही है. तब सोचिए क्या होगा जब वो टीम इंडिया के लिए चुने जाएंगे, अर्जुन तेंडुलकर को अपने प्रदर्शन के साथ साथ ऐसी बहसों से बचने के लिए ‘मेंटली टफ’ होना होगा. उन्हें सिर्फ मछली की आंख देखनी होगी. जबरदस्त खेल दिखाना होगा.