{अनुराग श्रीवास्तवा}
मोहाली में रोहित शर्मा का दोहरा शतक शायद उनके करियर का पहला ही मौका है जब सारा ग्लैमर वो खुद ले गए. कोई दूसरा नहीं था उस पारी, उस जीत, उस आतिश की महफिल लूटने के लिए. अगर आप शुरुआत से रोहित शर्मा के करियर को देखें तो वो काफी अर्से से टीम इंडिया के वनडे में बेस्ट बेस्टमैन रहे. लेकिन इसके बावजूद इसे किस्मत की मार कहिए या फिर दूसरे बल्लेबाज का ग्लैमर कि महफिल रोहित नहीं दूसरा लूट लेता था. एकदम शुरुआत से ही शुरू करते हैं.
सीबी सीरीज़, साल 2008
साल 2008 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी. टेस्ट सीरीज़ में बड़ा बवाल हुआ, भज्जी मंकी गेट में फंसे, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने मैदान पर खूब फब्तियां कसीं. इसके बाद हुई सीबी सीरीज़. पहले फाइनल में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर टीम इंडिया को जीत के लिए 240 रन का लक्ष्य मिला. लक्ष्य आसान था लेकिन सामने कंगारू गेंदबाज थे. लिहाजा टीम इंडिया के तीन विकेट सिर्फ 87 रन पर गिर गए. जो आउट हुए उनमें उथप्पा, गंभीर और युवराज जैसे बिग हिटर्स थे. एक छोर पर सचिन थे और दूसरे छोर पर आया मुंबई का ही 20 साल का लड़का, रोहित शर्मा. घरेलू क्रिकेट में रोहित की धूम थी. उनके स्कूली क्रिकेटिंग करियर से ही उन्हें मुंबई बल्लेबाजी का नया इंटरनेशनल सितारा माना जाता था. उस दिन सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में रोहित ने 87 गेंद पर 66 रन बनाए. लेकिन उनकी बैटिंग की खूबसूरती की जमकर तारीफ हुई. जिस आसानी से वो ऑन द राइज गेंदों पर शॉट्स खेल रहे थे, वो काबिलेतारीफ था. रोहित का ये वनडे में बड़ा कदम था. हालांकि इससे पहले वो 2007 T-20 वर्ल्ड कप में अपना जलवा दिखा चुके थे और वर्ल्ड चैम्पियन टीम का हिस्सा भी थे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जाकर इस बड़े दिल से बैटिंग करना ही इंटरनेशल क्रिकेट में सही आगाज माना जाता है. रोहित का आगाज तो हुआ लेकिन महफिल लूट ले गई सचिन की नाबाद 117 रनों की पारी. इसके बाद फॉर्म आती जाती रही और रोहित भी टीम इंडिया में आते जाते ही रहे.
विराट उछले, रोहित लुढ़के
खराब फॉर्म की वजह से बेहद प्रतिभावान रोहित को 2011 वर्ल्ड कप की टीम में नहीं चुना गया. अभी तक टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहे विराट ने इस मौके को खूब भुनाया. हिंदुस्तान ने वर्ल्ड कप जीता और विराट बन गए भारतीय क्रिकेट के नए पोस्टर ब्वॉय. घरेलू पिचों पर लय में रोहित किसी भी दिन विराट से ज्यादा खतरनाक हैं लेकिन वो टीम से बाहर थे और विराट ने वर्ल्ड कप में अपनी जगह टीम में पक्की कर ली. इसके बाद विराट लगातार मजबूत होते गए और रोहित वही 2008 के युवा प्रतिभावान बने रहे, जिसकी टीम में जगह पक्की नहीं थी.
2013 चैम्पियंस ट्रॉफी
वनडे से सचिन के संन्यास लेने और सहवाग और गंभीर के आउट ऑफ फॉर्म जाने से रोहित को मौका मिला लेकिन इस बार मौका टॉप ऑर्डर पर ओपनिंग का था. मरता क्या ना करता, रोहित को टीम इंडिया में खेलना था लिहाजा वो ओपनर बने. 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी का स्टेज बड़ा था. इंग्लैंड में टूर्नामेंट था और क्रिकेट में इंग्लैंड किसी भी बल्लेाबज को कसने की सबसे बड़ी कसौटी मानी जाती है. शिखर धवन के साथ मिलकर रोहित ने टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दी. खुद दो अर्धशतक बनाए और सीमिंग कंडीशंस में शानदार बैटिंग दिखाई. भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब भी जीता लेकिन इस बार महफिल लूट ले गए शिखर धवन. उनकी बैटिंग में आतिश थी. हाथों पर टैटू , कानों में बूंदे और उस पर मूंछें उमेठने की अदा, सब चीख चीख कर उनके सुपरस्टार होने का दावा कर रही थीं, उस पर से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन का गोल्डन बैट, एक बार फिर महफिल रोहित नहीं लूट पाए. लेकिन चैम्पियंस ट्रॉफी से इतना तो हुआ कि रोहित की ओपनिंग पक्की हो गई.
IPL ने बदला नजरिया, बदली किस्मत
रोहित का बैटिंग के लिए पूरा नजरिया ही बदला इंडियन प्रीमियर लीग में कप्तानी मिलने के बाद. कप्तानी मिलने के बाद रोहित ने मुंबई इंडियंस को तीन IPL खिताब दिलाए और सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनकी बैटिंग में दिखी.
2013 का ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा
ऑस्ट्रेलिया के इस भारत दौरे ने रोहित को अचानक ही वनडे क्रिकेट का हैवीवेट बना दिया. जयपुर में टीम इंडिया को जीतने के लिए 360 रन का टारगेट मिला और रोहित ने नाबाद 141 रन बनाए. टीम इंडिया 9 विकेट से मैच जीती लेकिन महफिल लूटी विराट कोहली ने. विराट ने सिर्फ 52 गेंद पर ताबड़तोड़ नाबाद शतक बनाकर चेज मास्टर के मुकुट की तरफ तेजी से कदम बढ़ाया. फिर इसी सीरीज़ के आखिरी मैच में बेंगलुरू में रोहित ने वो किया जो उनके करिश्मे की शुरुआत का ऐलान था. रोहित ने सीरीज़ डिसाइडर मैच में खेली 209 रन की बेमिसाल पारी. छक्कों और रोहित का इश्क इसी मैच से शुरु हुआ जिसमें उन्होंने 16 छक्के लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.
श्रीलंका को धो डाला
रोहित के दोहरे शतक को कुछ आलोचनों ने तुक्का बता दिया तो महज़ एक साल बाद ही श्रीलंका 13 नवंबर 2014 को रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ 264 रन बनाकर पूरी दुनिया को बता दिया वनडे में उनके आस पास कोई दूसरा नहीं है. इस पारी ने रोहित को ना सिर्फ हैवीवेट का तमगा दिलाया बल्कि उनकी जगह भी टीम इंडिया में अटूट कर दी. मोहाली में रोहित ने जो किया उसके बाद अब उम्मीदें आसमान हो गई हैं.
तिहरा लगाएंगे रोहित?
जिस रोहित शर्मा को इंटरनेशनल स्तर पर चूक जाने वाला विलक्षण कहा जाता था अब उसी से क्रिकेट जगत को वनडे में पहले तिहरे शतक की उम्मीद है. रोहित ने अपनी बैटिंग में एक नया फॉर्मूला शुरु किया है. पहले नजरें जमाओ, फिर हमला करो और आखिर में बोल दो हल्ला. उनके 150+ के सभी स्कोर्स में यही पैटर्न है
कितनी गेंद खेली रोहित ने | 209 vs ऑस्ट्रेलिया | 264 vs श्रीलंका | 150 vs द. अफ्रीका | 171* vs ऑस्ट्रेलिया | 208 vs श्रीलंका |
1-50 रन | 71 गेेंद | 72 गेेंद | 48 गेेंद | 63 गेेंद | 65 गेेंद |
51-100 रन | 43 गेेंद | 28 गेेंद | 50 गेेंद | 59 गेेंद | 50 |
101-150 रन | 26 गेेंद | 25 गेेंद | 34 गेेंद | 33 गेेंद | 18 |
151-200 रन | 16 गेेंद | 26 गेेंद | -- | -- | 18 |
201-250 रन | -- | 15 गेेंद | -- | -- | -- |
रोहित इस साल बेहतरीन फॉर्म में हैं. इस साल वो 6 शतक लगा चुके हैं. दक्षिण अफ्रीका रोहित जिस कॉन्फिडेंस के साथ जाएंगे वो टीम इंडिया के लिए बड़ा वरदान साबित हो सकता है.
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @anuragashk