29 अप्रैल 2017. यही तारीख है जब आईपीएल के इस सीजन का पहला मैच सुपरओवर तक पहुंचा. राजकोज के मैदान में गुजरात लाएंस और मुंबई इंडियंस की टीम का मुकाबला था. यही तारीख है जब जसप्रीत बुमराह ने सुपरओवर में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए मुंबई को जीत दिलाई. लेकिन जसप्रीत बुमराह का 29 तारीख से कोई खास ‘कनेक्शन’ है क्या? क्या है 29 तारीख से बुमराह का कनेक्शन, चलिए मुंबई और गुजरात के सांसे रोक देने वाले मैच से पहले आपको याद दिलाते हैं जसप्रीत बुमराह का 29 कनेक्शन.



 



इसे ही कहते हैं दिलचस्प संयोग 



 



ठीक 29 तारीख की ही बात है. तीन महीने पहले की, भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज का दूसरा मैच था. तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच भारतीय टीम हार चुकी थी. नागपुर में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने इंग्लैंड के सामने 145 रनों का लक्ष्य रखा. इंग्लैंड की शुरूआत तो अच्छी नहीं रही. बावजूद इसके इंग्लैंड के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों ने मैच को संभाला और इंग्लैंड की टीम पटरी पर आ गई. 



 



आखिरी ओवर में सिर्फ 8 रन चाहिए था. इंग्लैंड के स्थापित बल्लेबाज जो रूट और बटलर बल्लेबाजी कर रहे थे. भारत के हाथ से मैच और सीरीज दोनों फिसलते दिखाई दे रहे थे जब कप्तान विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को गेंद दी. इसके बाद जो हुआ वो इतिहास में दर्ज है. बुमराह ने आखिरी ओवर में दो अहम बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा और भारतीय टीम उस मैच को बेहद नाटकीय अंदाज से पांच रन से जीत गई. 



 



केएल राहुल के 71 रनों की शानदार पारी पर बुमराह का ओवर भारी पड़ा और उन्हें मैच ऑफ द मैच चुना गया. उस आखिरी ओवर में बुमराह की ‘वेरिएशन’ देखने लायक थी. पहली गेंद पर बल्लेबाज ने गलत शॉट खेलकर विकेट गंवा दिया था. दूसरी गेंद जसप्रीत बुमराह ने ‘स्लोवर’ डाली. तीसरी गेंद फुललेंथ, पहली दोनों गेंदों से बिल्कुल अलग. चौथी गेंद पर बुमराह ने क्रीज का शानदार इस्तेमाल किया था. पांचवी और छठी गेंद पर नियंत्रण की बदौलत ही जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को 8 रन नहीं बटोरने दिया. 



 



राजकोट में भी बुमराह ने किया कमाल



 



गुजरात लाएंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई इंडियंस को 154 रनों का लक्ष्य दिया था. मुंबई इंडियंस को जीत के लिए आखिरी ओवर में 11 रन चाहिए थे. इरफान पठान गेंदबाजी कर रहे थे. पहली ही गेंद पर छक्का लगने के बाद लगा कि मैच मुंबई आसानी से जीत लेगा. असली नाटकीयता इसके बाद शुरू हुई. अगली पांच गेंदों में दो बल्लेबाज रन आउट हो गए और मामला सुपरओवर तक पहुंच गया. 



 



सुपरओवर में मुंबई की टीम ने गुजरात को 12 रनों का लक्ष्य दिया. रोहित शर्मा ने गेंदबाजी का जिम्मा जसप्रीत बुमराह को दिया. ओवर की शुरूआत बहुत खराब रही. बुमराह ने पहली गेंद नो बॉल फेंक दी. बल्लेबाज एरॉन फिंच को फ्री हिट मिली लेकिन वो उसका फायदा नहीं उठा पाए और सिर्फ 1 रन ही ले सके. ओवर की तीसरी गेंद बुमराह ने वाइड फेंक दी.



 



अब तो लगाकि मैच कहीं से भी मुंबई के हाथ में नहीं आने वाला है. अब तक जसप्रीत बुमराह दो ‘यॉर्कर’ फेंक चुके थे. ‘यॉर्कर’ के बारे में कहते हैं कि क्रिकेट की सबसे पारंपरिक गेंद होने के बाद भी इसमें महारत हासिल करना बहुत मुश्किल काम है. खैर, ओवर की चौथी गेंद यानि नियमों के दायरे वाली दूसरी गेंद थी क्योंकि बुमराह एक नो बॉल और एक वाइड फेंक चुके थे. बुमराह ने इस बार गेंद की रफ्तार से प्रयोग किया. मैक्कुलम एक रन भी नहीं बना पाए. अगली गेंद पर गिरते पड़ते मैक्कुलम ने एक रन लिया और स्ट्राइक फिंच को सौंपी. 



 



बुमराह ने फिर यॉर्कर फेंकी. यॉर्कर गेंद पर उनकी महारत को देखकर याद आया कि कुछ महीनों पहले वकार युनिस ने उनकी बहुत तारीफ की थी. ओवर का चौथा गेंद एक बार फिर यॉर्कर, जिस पर एरॉन फिंच एक भी रन नहीं बना पाए. पांचवी गेंद पर उन्होंने एक सिंगल लिया. ओवर की पांचवीं गेंद पर फिंच को एक रन लेने में कामयाबी मिली. मैच बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका था. गुजरात के पास आखिरी गेंद तक मैच को जीतने का मौका था लेकिन जसप्रीत बुमराह उन्हें जीतने दें तब ना...आखिरी गेंद पर मैक्कुलम चाहकर भी एक रन ही बना पाए. नतीजा मुंबई ने करिश्माई ढंग से मैच जीत लिया और जसप्रीत बुमराह एक बार फिर हीरो बने.